scorecardresearch
गमले में उगाकर बेचें चेरी टमाटर, अधिक कमाई के लिए जान लें इसकी 4 विशेषताएं

गमले में उगाकर बेचें चेरी टमाटर, अधिक कमाई के लिए जान लें इसकी 4 विशेषताएं

टमाटर का उपयोग सब्जी के साथ-साथ सलाद, चटनी और सूप में भी किया जाता है. आज देशभर में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती की जाती है और लोग टमाटर, जो कभी विदेशी बैंगन था, बड़े चाव से खाते हैं. इतना ही नहीं कई बार तो टमाटर के दाम आसमान छूने को भी तैयार रहते हैं.

advertisement
गमले में करें चेरी टमाटर की खेती गमले में करें चेरी टमाटर की खेती

टमाटर देखने में जितना अच्छा लगता है, खाने में उतने ही स्वादिष्ट और सेहतमंद भी होता है. इसीलिए टमाटर का उपयोग सब्जी के साथ-साथ सलाद, चटनी और सूप में भी किया जाता है. आज देशभर में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती की जाती है और लोग टमाटर, जो कभी विदेशी बैंगन था, बड़े चाव से खाते हैं. इतना ही नहीं कई बार तो टमाटर के दाम आसमान छूने को भी तैयार रहते हैं. बढ़ती मांग के कारण इसकी कीमत में कई बार उछाल देखने को मिला है. टमाटर की बढ़ती मांग को देखते हुए यह सफल खेती वाली फसलों की सूची में भी शामिल होता दिख रहा है. ऐसे में अगर आप भी खेती से मुनाफा कमाना चाहते हैं तो टमाटर की खेती कर सकते हैं. इतना ही नहीं गमले में भी टमाटर उगाकर आप कमाई कर सकते हैं.

270-300 दिनों तक चलती है ये किस्म

कठिन परिस्थितियों में खेती के लिए संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र और सब्जी विज्ञान विभाग, आईसीएआर-आईसीएआर, पूसा, नई दिल्ली द्वारा पूसा गोल्डन चेरी टमाटर -2 की एक अनोखी पोषक समृद्ध किस्म विकसित की गई है. यह अनियमित वृद्धि वाली किस्म है. इसकी पहली फसल रोपाई के 75-80 दिन बाद शुरू होती है और क्षेत्र की जलवायु स्थिति के आधार पर 270-300 दिनों तक चलती है. इसकी खेती आप गमले या कम जगहों में भी आसानी से कर सकते हैं. इसके फल गोल, आकर्षक सुनहरे पीले रंग के, गुच्छे में तथा पतली एवं चिकनी सतह वाले होते हैं.

ये भी पढ़ें: अभिश्री टमाटर के बीज अब 10 ग्राम के पैक में उपलब्ध, यहां से करें ऑनलाइन ऑर्डर

मिट्टी और तापमान

इस किस्म को बढ़ने और फसल से सही पैदावार लेने के लिए अपेक्षाकृत गर्म मौसम की आवश्यकता होती है. फल और रंग के विकास के लिए रात और दिन का सही तापमान 20-25 सेल्सियस है. वहीं टमाटर की फसल के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी फसल उगाने के लिए आदर्श होती है. अच्छे उत्पादन के लिए पी.एच. मान 6 से 7 के बीच होना आवश्यक है.

क्या है इसकी विशेषताएं?

  • यह एक अनियमित बढ़वार वाली किस्म है. इसमें प्रति पौधा औसतन 9-10 फलों के गुच्छे होते हैं और प्रति गुच्छे में लगभग 25-35 चेरी टमाटर लगते हैं.
  • फलों का औसत वजन लगभग 7-8 ग्राम होता है तथा औसत फल उपज 3-4.5 कि.ग्रा. प्रति पौधा होती है. इस प्रकार फसल की उपज क्षमता 9-11 टन प्रति 1000 वर्गमीटर होती है.
  • पहली कटाई के लिए फल लगभग 75-80 दिनों में तैयार हो जाते हैं और फसल लगभग 9-10 महीने तक चलती है.
  • फलों में प्रति 100 ग्राम ताजा वजन के आधार पर 13.02 मिलीग्राम कैरोटीन, 18.3 मिलीग्राम एस्कॉर्बिक एसिड, 0.33 प्रतिशत अम्लता और मिठास (टीएसएस) 90 प्रतिशत ब्रिक्स होते हैं.

बुआई का समय और बीज की मात्रा

पूरी तरह से नियंत्रित पर्यावरण पॉलीहाउस में इसे वर्षभर उगाया जा सकता है. प्राकृतिक रूप से हवादार पॉलीहाउस / कम लागत वाली पॉलीहाउस संरचनाओं में सितंबर में रोपाई की जाती है और फसल मई तक चल सकती है. इसमें 125 ग्राम / हैक्टर के हिसाब से बीज की आवश्यकता होती है.