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गेहूं की फसल को ज्यादा गर्मी से बचाने के ल‍िए क्या करें क‍िसान, व‍िशेषज्ञ द‍िए ट‍िप्स 

गेहूं की फसल को ज्यादा गर्मी से बचाने के ल‍िए क्या करें क‍िसान, व‍िशेषज्ञ द‍िए ट‍िप्स 

देर से बोई गई गेहूं की फसल में केवल हल्की सिंचाई करने के ल‍िए क‍िसानों को सलाह दी गई है. कटाई से 8-10 दिन पहले फसल में सिंचाई बंद कर देनी चाहिए. सरकार तापमान बढ़ने की स्थिति में 2022 की स्थिति की पुनरावृत्ति से बचने के लिए बहुत ध्यान केंद्रित कर रही है, क्योंकि दो साल पहले तापमान में अचानक वृद्धि के कारण कई स्थानों पर गेहूं सिकुड़ गया था.

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गेहूं की फसल गेहूं की फसल

भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) ने गेहूं की फसल को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है. ज‍िसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब के किसानों को गेहूं की फसल के लिए उचित नमी की मात्रा सुनिश्चित करनी चाहिए, क्योंकि कटाई 10 अप्रैल के बाद चरम पर होगी. भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही अप्रैल-जून की अवधि में भीषण गर्मी की भविष्यवाणी की है. आईआईडब्ल्यूबीआर ने कहा कि मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के किसानों को कटाई के समय उचित नमी की मात्रा (12-13 प्रतिशत) सुनिश्चित करनी चाहिए और सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था करनी चाहिए. "उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत के किसानों को फसल की आवश्यकता के अनुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाती है."

आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि यदि अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो किसान 0.2 प्रतिशत म्यूरेट ऑफ पोटाश (400 ग्राम एमओपी को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़) या फसल को सूखने से बचाने और गर्मी के तनाव को कम करने के लिए गेहूं के एंथेसिस चरण में 2 प्रतिशत KNO3 (प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में 4 किलोग्राम) का छिड़काव कर सकते हैं. 

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इन रोगों से कैसे करें बचाव 

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में देश में, किसानों को पीला रतुआ या भूरा रतुआ के बारे में सतर्क रहना चाहिए और प्रोपीकोनाज़ोल 25 ईसी का छिड़काव करना चाहिए. इसमें कहा गया है कि प्रोपीकोनाज़ोल 25ईसी की 1 मिलीलीटर मात्रा को एक लीटर पानी में मिलाया जाना चाहिए और 200 मिलीलीटर कवकनाशी को 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ गेहूं की फसल में छिड़काव किया जाना चाहिए. 

फसल में कब स‍िंचाई बंद करें 

किसानों से देर से बोई गई फसल में केवल हल्की सिंचाई करने को कहते हुए कहा कि कटाई से 8-10 दिन पहले फसल में सिंचाई बंद कर देनी चाहिए. सरकार तापमान बढ़ने की स्थिति में 2022 की स्थिति की पुनरावृत्ति से बचने के लिए बहुत ध्यान केंद्रित कर रही है, क्योंकि दो साल पहले तापमान में अचानक वृद्धि के कारण कई स्थानों पर गेहूं सिकुड़ गया था. जिससे उपज और उत्पादन कम हो गया था. इस वर्ष, सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि उपज में कोई हानि न हो, पहले से ही बड़ी संख्या में जलवायु अनुकूल किस्मों का वितरण किया है. गेहूं की बुवाई के दौरान सरकार ने दावा क‍िया था क‍ि इस साल 60 फीसदी तक हीट टॉलरेंट गेहूं की क‍िस्मों की बुवाई होगी.

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