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इस बार यूपी, बिहार और राजस्थान में 7 गुना अधिक होगी गेहूं की खरीद, सरकार ने तैयार किया प्लान

इस बार यूपी, बिहार और राजस्थान में 7 गुना अधिक होगी गेहूं की खरीद, सरकार ने तैयार किया प्लान

उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार ने विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान केंद्रीय पूल में केवल 6.7 लाख टन का योगदान दिया था. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कुल गेहूं खरीद लक्ष्य का 16 प्रतिशत इन तीनों राज्यों से खरीदने का फैसला किया है. वहीं, चालू वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.

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इस बार बंपर होगी गेहूं की खरीद. (सांकेतिक फोटो) इस बार बंपर होगी गेहूं की खरीद. (सांकेतिक फोटो)

केंद्र सरकार इस बार बिहार, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बंपर गेहूं की खरीद करेगी. इसके लिए वह खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने की योजना बना रही है. खास बात यह है कि इसकी जानकारी खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने खुद दी है. उन्होंने कहा कि रबी विपणन सीजन 2024-25 में पिछले साल के मुकाबले इस बाल 7 गुना अधिक गेहूं की खरीद की जाएगी. उन्होंने कहा कि तीनों राज्यों में कुल 50 लाख टन गेहूं खरीदने का टारगेट रखा गया है. इससे सरकार को 310 लाख टन के खरीद लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी. साथ ही खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों में गेहूं के आवंटन को बहाल करने में आसानी होगी.

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि इसके अलावा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि यूपी, बिहार और राजस्थान अपनी क्षमता से बहुत कम योगदान दे रहे हैं. हम इस साल कुल 310 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रख रहे हैं. जिसमें से हम तीन गैर-पारंपरिक खरीद वाले राज्यों से कम से कम 50 लाख टन खरीद की उम्मीद कर रहे हैं. 

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इतना है गेहूं का एमएसपी

खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार ने विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान केंद्रीय पूल में केवल 6.7 लाख टन का योगदान दिया था. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कुल गेहूं खरीद लक्ष्य का 16 प्रतिशत इन तीनों राज्यों से खरीदने का फैसला किया है. वहीं, चालू वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. ऐसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद आम तौर पर केंद्र की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियों द्वारा की जाती है. हालांकि, सहकारी समितियां नेफेड और एनसीसीएफ को भी इस वर्ष 5 लाख टन के खरीद लक्ष्य के साथ जोड़ा गया है.

अक्टूबर से केंद्र इन तीन राज्यों के साथ खरीद स्तर बढ़ाने के लिए काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि कमियों को दूर करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और इससे तीन राज्यों में खरीद स्तर को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. खाद्य सचिव ने कहा कि 2024 के आम चुनावों से गेहूं खरीद पर असर पड़ने की संभावना नहीं है. सचिव ने कहा कि गैर-पारंपरिक राज्यों से गेहूं खरीद में वृद्धि से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत गेहूं के आवंटन को बहाल करने में मदद मिलेगी.

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गेहूं का आवंटन घटाया

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कम खरीद के मद्देनजर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत गेहूं का आवंटन पिछले 230-240 लाख टन से घटाकर 184 लाख टन सालाना कर दिया गया है. चोपड़ा ने यह भी कहा कि केंद्र ने व्यापारियों को सरकार द्वारा खरीद पूरी होने तक किसानों से गेहूं खरीदने से बचने का निर्देश नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि व्यापारियों को ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है. गैर-पारंपरिक राज्यों में गेहूं खरीद को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बात करते हुए सचिव ने कहा कि खरीद विंडो को 1 अप्रैल के बजाय मार्च तक बढ़ा दिया गया है. खरीद से संबंधित प्रश्नों के समाधान के लिए एक समर्पित किसान हेल्पलाइन स्थापित की गई है. 

रिकॉर्ड सत्यापन हुआ सरल

इसके अलावा, सरकार ने 1 मार्च के बजाय 1 जनवरी से किसान पंजीकरण को आगे बढ़ाया है. किरायेदार किसानों सहित किसानों के भूमि रिकॉर्ड सत्यापन को सरल बनाया है और एजेंसियों को लचीला खरीद लक्ष्य दिया है. सचिव ने कहा कि अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार ने 48 घंटों के भीतर किसानों के बैंक खातों में एमएसपी का हस्तांतरण सुनिश्चित करने, किसानों के लिए खरीद के आकस्मिक बोझ को सुव्यवस्थित करने, बैंक खातों के साथ आधार एकीकरण जैसे बैंकिंग से संबंधित मुद्दों को सुचारू करने का निर्णय लिया है.

48 घंटे में होगा भुगतान

उन्होंने कहा कि सरकार ने उत्पादन हॉटस्पॉट को लक्षित करते हुए अधिक खरीद केंद्र भी खोले हैं. साथ ही मोबाइल खरीद केंद्र स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सरकार ने किसानों को 48 घंटे के भीतर एमएसपी का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एजेंसियों को कार्यशील पूंजी के माध्यम से संस्थागत तैयारी सुनिश्चित की है. सचिव ने आगे उल्लेख किया कि विभिन्न एजेंसियों के बीच खरीद और समन्वय की वास्तविक समय की निगरानी के लिए दिल्ली में एफसीआई मुख्यालय में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.