Organic Farming: आजकल "ऑर्गेनिक खेती" एक बहुत ही लोकप्रिय शब्द बन गया है. बहुत से किसान और युवा इससे जुड़ना चाहते हैं. ऐसा माना जाता है कि ऑर्गेनिक खेती में मुनाफा बहुत ज्यादा होता है. लेकिन क्या यह सच है? क्या इसमें वाकई में इतना फायदा होता है जितना लोग सोचते हैं? आइए जानते हैं ऑर्गेनिक खेती से जुड़े कुछ मिथकों और हकीकतों के बारे में.
यह सही है कि ऑर्गेनिक उत्पादों की बाजार में कीमत अधिक होती है, लेकिन इससे सीधा मतलब यह नहीं कि मुनाफा भी बहुत ज्यादा होगा. ऑर्गेनिक खेती की लागत पारंपरिक खेती से अलग होती है – जैसे कि जैविक खाद, कम्पोस्ट, प्रमाणन (certification), और समय. इसके अलावा शुरुआत में उत्पादन कम होता है, जिससे शुरुआती लाभ सीमित हो सकता है.
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ऑर्गेनिक खेती एक प्रोसेस है, जो समय, धैर्य और सही तकनीक की मांग करता है. हर किसी को इससे तुरंत सफलता नहीं मिलती. इसमें सफल होने के लिए प्रशिक्षण, बाजार की समझ और सही प्लानिंग जरूरी है. केवल "ऑर्गेनिक" लिख देने से प्रोडक्ट नहीं बिकता – ब्रांड बनाना और ग्राहक विश्वास जीतना पड़ता है.
सरकार की ओर से ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं तो हैं, लेकिन इन योजनाओं का लाभ हर किसान को तुरंत और पूरी तरह नहीं मिलता. कई बार किसानों को दस्तावेज़ी प्रक्रिया या जानकारी की कमी की वजह से पूरी मदद नहीं मिल पाती.
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