शेख हसीना के तख्तापलट और उनके देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा अभी तक नहीं थमी है. लेकिन, 30 घंटे तक बंद रहने के बाद घोजाडांगा बॉर्डर को फिर से व्यापार के लिए खोल दिया है. यह बॉर्डर पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच है. जानकारों का कहना है कि बॉर्डर खुलते ही भारत से बांग्लादेश को रुके हुए प्याज का एक्सपोर्ट होना शुरू हो गया है. बहुत जल्दी बॉर्डर खुलने की वजह से अब तक भारतीय प्याज बाजार पर बांग्लादेश हिंसा का कोई बुरा असर नहीं दिखा है. भारत की मंडियों में प्याज के थोक दाम इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. भारत में इस समय 3000 से लेकर 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक के थोक भाव पर प्याज बिक रहा है, वो भी सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में. लेकिन, अभी एक्सपोर्टर बांग्लादेश को नई खेप नहीं भेज रहे हैं.
बांग्लादेश भारतीय प्याज का बड़ा आयातक है. वर्ष 2023-24 में भारत के कुल प्याज एक्सपोर्ट का 20.3 फीसदी हिस्सा बांग्लादेश को गया था. हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूज एक्सपोर्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट विकास सिंह का कहना है भारतीय प्याज बांग्लादेश के लोगों की जरूरत है. जब ईद के मौके पर एक सप्ताह तक बॉर्डर बंद रहता है तब वो पहले ही कुछ दिन के लिए प्याज स्टोर करके रख लेते हैं. लेकिन, वहां आरक्षण विरोधी आंदोलन के समय ऐसा नहीं किया जा सकता था. इसलिए अगर बॉर्डर ज्यादा दिन बंद रहेगा तो प्याज का संकट बढ़ेगा और वहां के बाजारों में दाम बढ़ जाएंगे, ऐसे में बॉर्डर को जल्दी खोल दिया गया है.
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सिंह का कहना है कि प्याज की खेती बांग्लादेश में भी होती है, लेकिन उस प्याज का स्टॉक जून-जुलाई तक ही खत्म हो जाता है. इसके बाद बांग्लादेश के लोग भारत या पाकिस्तान के प्याज पर निर्भर रहते हैं. बहरहाल, इस समय घोजाडांगा बॉर्डर से पुराने लोड हुए प्याज के ट्रक वहां जा रहे हैं, लेकिन नई लोडिंग नहीं हो रही है. क्योंकि यहां के कारोबारी बांग्लादेश को उधार नहीं देना चाहते. उन्हें प्याज की नई खेप के बदले लेटर ऑफ क्रेडिट चाहिए और वह तभी मिल सकता है जब वहां बैंक ऑपरेशन शुरू हो जाए. लेटर ऑफ क्रेडिट के बिना अभी के हालात में वहां पैसा फंसने का डर है.
बांग्लादेश के कारोबारी बोल रहे हैं कि वहां एक-दो दिन में बैंक चालू हो जाएंगे. हिंसा के कारण कई दिनों से बैंक बंद हैं. भारत सरकार ने प्याज एक्सपोर्ट के लिए 550 डॉलर के न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी एमईपी और उस पर 40 फीसदी ड्यूटी की शर्त लगाई हुई है. उसके ऊपर से ट्रांसपोर्टेशन, क्लीयरेंस, पैकिंग और लेबर चार्ज आदि लगता है. कुल मिलाकर वहां पहुंचते-पहुंचते भारत का प्याज 67 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाता है. पाकिस्तान उन्हें 53 रुपये किलो पर प्याज पहुंचा रहा है, लेकिन वहां पर भारत के मुकाबले पाकिस्तान से प्याज मंगाने में ज्यादा वक्त लगता है. पाकिस्तानी प्याज की गुणवत्ता भी भारत जितनी अच्छी नहीं है.
भारत के घरेलू बाजार पर अभी तक बांग्लादेश के हालात का बुरा असर नहीं पड़ा है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लंबे समय तक एक्सपोर्ट बंद रहता तो भारत के घरेलू बाजार में प्याज के दाम गिर जाते. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार नागपुर की कामठी मंडी में 7 अगस्त को प्याज का थोक भाव 3500, अधिकतम 4500 और औसत दाम 4000 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अमरावती फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्केट में न्यूनतम दाम 3200, अधिकतम 4000 और औसत दाम 3600 रुपये रहा. इतना थोक दाम बहुत अच्छा माना जाता है.
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