उन राज्यों में आलू को लेकर हाहाकार मचा है जहां पश्चिम बंगाल से आलू की सप्लाई होती है. इन राज्यों में झारखंड और ओडिशा प्रमुख हैं. इन राज्यों ने कहा है कि बंगाल सरकार ने उनके आलू की खेप पर रोक लगा दी है. उधर बंगाल सरकार का कहना है कि उसके लोकल मार्केट में आलू के बढ़ते दाम की वजह से दूसरे राज्यों में खेप भेजने पर रोक लगाई गई है. इससे झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में आलू का दाम 40 रुपये किलो तक पहुंच गया है. दूसरी ओर इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है.
ममता सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार बंगाल के कुछ आलू व्यापारियों की मदद से बांग्लादेश में आलू सप्लाई कर रही है. पश्चिम बंगाल में इस वक़्त आलू की क़िल्लत चल रही है. आलू का प्रमुख उत्पादक होने के बावजूद पश्चिम बंगाल ने इस वक़्त आलू की सप्लाई राज्य से बाहर भेजने पर रोक लगा रखी है.
पश्चिम बंगाल सरकार में कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को बिना बताए केंद्र सरकार कुछ आलू व्यापारियों के साथ मिलकर बांग्लादेश आलू भेज रही है. इसके साथ ही बेचाराम मन्ना ने कहा कि साइक्लोन दाना और बारिश की वजह से आलू की नई फ़सल में दिक़्क़त आई है. यही वजह है कि अभी पश्चिम बंगाल ख़ुद अपनी आलू की ज़रूरतों पर ध्यान दे रहा है और बाहर आलू नहीं भेजा जा रहा.
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मालूम हो कि पड़ोसी झारखंड और उड़ीसा आलू के लिए पश्चिम बंगाल पर निर्भर हैं और इन दोनों राज्यों में भी आलू की क़ीमतें बढ़नी शुरू हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में भी आलू खुदरा बाज़ार में 30-40 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. आलू की क़ीमतों को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से टास्क फ़ोर्स का गठन भी किया गया है.
राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कह दिया है कि पश्चिम बंगाल पहले अपनी ज़रूरत पूरी करेगा उसके बाद किसी और को आलू दिया जाएगा. वहीं कुछ आलू व्यापारियों ने हड़ताल का ऐलान भी करके रखा हुआ है. ऐसे में एक ओर जहां आलू व्यापारी और राज्य सरकार के बीच ठनी हुई है, वहीं दूसरे राज्यों को भी पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. वहीं शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री बेचाराम मन्ना के आरोपों को निराधार बताते हुए उल्टा बंगाल पुलिस पर आरोप मढ़ दिया कि पुलिस ही रुपये लेकर आलू के ट्रक अन्य राज्य में जाने दे रही है.
उधर झारखंड के जमशेदपुर में आलू ने लोगों के पसीने छुड़ाने शुरू कर दिए हैं. बंगाल राज्य सरकार द्वारा झारखंड में आने वाले आलू को रोक दिया गया है और तक़रीबन पांच दिनों से यह सिलसिला जारी है. इस कारण एक बार फिर आलू की कीमत 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. बाजार के लोगों को भी इससे काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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बाजार के व्यापारी बताते हैं कि विगत एक साल में बंगाल सरकार ने तक़रीबन पांच से छह बार झारखंड में आने वाले आलू पर रोक लगाई है और इससे आम जनता के साथ साथ व्यापारी भी परेशान हैं. व्यापारी बताते हैं कि बाजार में सब्जियों में सबसे ज्यादा खपत आलू की होती है और वही आलू अब दोगुने दामों पर बिक रहा है. राज्य में बनी सरकार भी इसपर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे समस्या और बढ़ती ही जा रही है.(अनुपम मिश्र की रिपोर्ट)
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