फूलगोभी की खेती पूरे भारत में की जाती है और फूलगोभी भारतवर्ष की शीतकालीन सब्जियों में प्रमुख है. वैसे तो यह भारत के हर राज्य में उगाई जाती है. लेकिन, फूलगोभी के उत्पादन के मामले में बंगाल भारत के सभी राज्यों के बीच अव्वल है. जबकि बगांल सहित सात राज्य ऐसे हैं, जहां भारत की कुल प्रतिशत में 70 प्रतिशत फूलगोभी का उत्पादन होता है. आइये जानते हैं कि बंगाल में फूलगोभी का उत्पादन होता है. साथ ही जानते हैं कि फूलगोभी के उत्पादन के मामले में देश के टाॅप 7 राज्य कौन से हैं.
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फूलगोभी के उत्पादन के मामले में पश्चिम बंगाल देश में अव्व्ल है. यहां की जलवायु फूलगोभी के उत्पादन के लिए अनुकूल है. इस वजह से सबसे अधिक फूलगोभी का उत्पादन बंगाल में होता है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार देश में कुल उत्पादित हाेने वाली फूलगोभी में से पश्चिम बंगाल में अकेले 21.22 प्रतिशत फूलगोभी का उत्पादन किया जाता है.
फूलगोभी के उत्पादन देश के सभी राज्यों में होता है. लेकिन, 7 राज्यों में ही 70 फीसदी फूलगोभी का उत्पादन होता है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात,हरियाणा, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अकेले देश की 70 फीसदी फूलगोभी का उत्पादन होता है.
फूलगोभी के उत्पादन में बंगाल का देश में पहला स्थान है. तो वहीं देश में बंगाल के बाद मध्य प्रदेश में सबसे अधिक फूलगोभी का उत्पादन होता है. जहां कुल उत्पादन का 13.16 फीसदी उत्पादन होता है. इसके बाद बिहार में कुल उत्पादन की 11.11 फीसदी फूलगोभी पैदा होती है. चौथे स्थान पर गुजरात है. जहां कुल उत्पादन का 7.69 फीसदी उत्पादन होता है. कुल उत्पादन के 7.24 फीसदी उत्पादन के साथ हरियाणा पांचवे स्थान पर है. वहीं उड़ीसा में 6.93 फीसदी और छत्तीसगढ़ में 5.20 प्रतिशत फूलगोभी का उत्पादन होता है.
फूलगोभी में फास्फोरस, सल्फर, पोटेशियम, सोडियम, विटामिन ए और आयरन जैसे खनिज पाया जाता है. इसलिए इस सब्जी की फसल लोगों के आहार के लिए काफी महत्वपूर्ण है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक पौधा लगाने के 60 से 80 दिन में तैयार हो जाता है तो वहीं देर से तैयार होने वाली किस्म 100 से 120 दिन में तैयार हो जाती है.
फूलगोभी के लिए सर्दियों का मौसम अनुकूल होता हैं आमतौर पर इसकी खेती के लिए 15 से 20 डिग्री तापमान बेहतर माना जाता है. क्योंकि गोभी की खेती तापमान के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती है. इसलिए इसे सर्दी के दिनों में ही उगाया जाता है.
इसकी खेती के लिए सभी प्रकार के जल निकासी वाली खेतों को उपयुक्त माना जाता है. खासकर के हल्की और दोमट मिट्टी वाला भूमि जहां अच्छी तरह से जल निकासी हो जाती है. इसके मिट्टी का पी.एच मान 5.5 से लेकर 6.8 का होना सबसे अनुकूल माना जाता है.
फूलगोभी की खेती मौसम के आधार पर की जाती है. अगेती, मध्यम और पछेती खेती के लिए इस समय बाजारों में कई किस्में उपलब्ध हैं. जिसमें अगेती खेती के लिए, अर्ली, कुवारी, पूसा दीपाली, पूसा कातिकी समर किंग किस्में है. तो वहीं माध्यम के लिए, पूसा सुभ्रा, पंत सुभ्रा, पूसा अगहनी किस्में हैं और पछेती के लिए पूसा स्नोबॉल-1, पूसा स्नोबॉल-2 और पूसा स्नोबॉल- 16 मौजूद है.
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