उत्तर प्रदेश में गेहूं, चना, मटर, मसूर, सरसों समेत सभी रबी फसलों की खेती करने वाले किसानों को ज्यादा मुनाफा हो, इसके लिए उप्र कृषि विभाग समय-समय पर इन फसलों का अवलोकन करता है. इसी कड़ी योगी सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Minister Surya Pratap Shahi) ने राजकीय कृषि फार्म रहीमाबाद लखनऊ का निरीक्षण किया गया. किसान के खेत में लगे चना, मटर, सरसों, मसूर और गेहूं की फसलों को जांचने के बाद उन्होंने फसलों की वैरायटी से लेकर बुवाई के समय, उर्वरक प्रयोग तथा सिंचाई के बारे मे विस्तार से जानकारी लेने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए.
शाही ने कहा कि सारे संसाधन उपलब्ध है, सभी सुविधा प्रदेश सरकार के द्वारा दी गयी हैं, लेबलिंग का कार्य, मेडबंदी, ऊसर का उपचार भी किया गया है, खलिहान, गोदाम सभी व्यवस्था कर दिया गया है, अब इस फॉर्म को मॉडल के रूप में आदर्श फॉर्म के रूप में यहां के सभी फसलों की उत्पादकता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि फॉर्म के प्रबंधक राम तेजा यादव को कठोर निर्देश दिए गए. अपर कृषि निदेशक अमरनाथ मिश्रा को आने वाले खरीफ के लिए अग्रिम रूप से प्रोग्राम बनाकर अभी से कार्य करने को कहा गया है, वहीं योजना के तहत किस फील्ड में किस खंड में कौन सी फसल लगानी है, किस एरिया में दलहन लिया जाना है किस फील्ड पर में तिलहन लिया जाना है, किस फील्ड में में धान लिया जाना है सबका नियोजन पूर्व से ही तैयार करें और समय समय पर प्रक्षेत्र को मॉनिटर करते हुए आदर्श प्रक्षेत्र के रूप इसकी उत्पादकता प्राप्त करें. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसी भी स्तर पर शिथिलता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.
प्रदेश के कृषि मंत्री शाही कहते हैं कि योगी सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए लगातार काम कर रही है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को सहायता और प्रोत्साहन भी दे रही है. उन्होंने कहा, "इसके परिणामस्वरूप कृषि फसलों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर लगातार बढ़ रहा है."
शाही ने कहा कि दलहन और तिलहन के लिए फ्री में बीज भी उपलब्ध करवाने का काम किया है तो क्या आपको लगता नहीं है कि यह डेढ़ गुना से ज्यादा दाम मिल रहा है और सरकार इसको आगे बढ़ने का भी काम कर रही है. वर्ष 2016-17 में खाद्यान्न उत्पादकता 27.25 कुंतल प्रति हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 30.51 कुंतल प्रति हेक्टेयर हो गयी है. तिलहन उत्पादकता वर्ष 2016-17 में मात्र 12.40 लाख मीट्रिक टन थी, वह 2023-24 में बढ़कर 28.31 लाख मीट्रिक टन हो गयी है.
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