धान की फसल नष्टमध्य प्रदेश में मॉनसून की विदाई हो चुकी है, लेकिन बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसानों की चिंता बढ़ा दी है,पूर्व मध्य अरब सागर में सक्रिय एक चक्रवाती तूफान की वजह से श्योपुर समेत कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है. दरअसल, श्योपुर जिले में रविवार को करीब 3 घंटे तक हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. खेतों में खड़ी और कटी हुई धान की फसलों को काफी नुकसान हुई हैं. ऐसे में किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द फसल क्षति का मुआवजा घोषित करने की मांग की है.
अक्टूबर के आखिर दिनों में हुई इस लगातार बारिश से धान की कटाई पूरी तरह रुक गई है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. वहीं, मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले तीन दिनों तक जिले में बूंदाबांदी और हल्की बारिश जारी रहने की संभावना है. श्योपुर जिले की बड़ौदा और कराहल तहसीलों सहित कई क्षेत्रों में हजारों बीघा में बोई गई धान की फसल प्रभावित हुई है. कई किसानों के खेतों में पानी भर गया है, जिससे कटाई के लिए तैयार खड़ी फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं.
बुखारी,आवदा और मसावनी जैसे कई गांवों में जिन किसानों ने पहले ही कटाई कर ली थी और फसल को खेत के किनारों या खलिहान में रखा था, उनकी धान लगातार भीगने से सड़ने लगी हैं. किसान ब्रजेश कुमार का कहना है कि हमारी कटी हुई धान बारिश में पूरी तरह भीग चुकी है और यदि मौसम जल्द साफ नहीं हुआ तो पूरी फसल खराब हो जाएगी.
किसानों ने सरकार से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द फसल क्षति का आकलन कर मुआवजा घोषित करें. किसानों का कहना है कि यदि समय पर आर्थिक सहायता नहीं मिली, तो यह नुकसान उनके परिवारों की आजीविका पर गंभीर असर डालेगा.
प्रभारी उप संचालक कृषि मुनेश कुमार शाक्य ने फोन कॉल पर बताया कि बारिश से धान की फसल को नुकसान होने की बात सामने आ रही है. कृषि विभाग और राजस्व विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में पहुंचकर नुकसान का आकलन कर रही हैं. प्रारंभिक सर्वे में कई क्षेत्रों में जहां फसल पूर्व में गिर गई है और उसमें जलभराव हुआ है. वहां पर फसल में आंशिक रूप से उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है, जहां धान की फसल गिरी नहीं है वहां कोई नुकसान नहीं है. (खेमराज दुबे की रिपोर्ट)
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