Paddy Farmers: दक्षिण गुजरात में बेमौसम बारिश से धान किसानों पर संकट, नवसारी में भारी नुकसान

Paddy Farmers: दक्षिण गुजरात में बेमौसम बारिश से धान किसानों पर संकट, नवसारी में भारी नुकसान

किसानों का कहना है कि यह बारिश फसल के पकने के समय हुई है, जिससे धान की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है. खेतों में पानी भरने से कटाई और सुखाने की प्रक्रिया ठप हो गई है. कृषि विभाग की टीमें नुकसान का आकलन करने में जुटी हैं, ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिल सके. मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक बारिश की संभावना जताई है जिससे क्षेत्र के किसानों की चिंता और बढ़ गई है.

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Paddy Farmers: दक्षिण गुजरात में बेमौसम बारिश से धान किसानों पर संकट, नवसारी में भारी नुकसानदक्षिणी गुजरात के कई इलाकों में हुई भारी बारिश (फाइल फोटो)

दिवाली के बाद दक्षिण गुजरात के किसानों पर मौसम की मार टूट पड़ी है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, नवसारी और डांग जिलों में बीती रात तेज हवाओं के साथ हुई भारी बारिश ने धान की तैयार फसल को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. इस बेमौसम बारिश से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. जिन किसानों ने धान की कटाई शुरू कर दी थी, उनकी फसल खेतों में भीग गई, जबकि जो किसान फसल काटने की तैयारी में थे. किसानों को अब चिंता में हैं कि उनका सालभर का परिश्रम व्यर्थ न चला जाए. स्थानीय किसानों का कहना है कि 'मुंह में आए निवाले को छीन लेने' जैसी स्थिति बन गई है. 

200 से ज्‍यादा किसानों को नुकसान 

मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक बारिश की संभावना जताई है जिससे क्षेत्र के किसानों की चिंता और बढ़ गई है. यदि बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो बाकी बची फसल भी खराब हो सकती है. नवसारी जिले में करीब 52,000 हेक्टेयर में धान की खेती की गई थी, जिसमें से 25,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका है. वांसदा तालुका के फड़वेल गांव में ही लगभग 200 किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. 

फसल पकने के समय बारिश 

किसानों का कहना है कि यह बारिश फसल के पकने के समय हुई है, जिससे धान की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है. खेतों में पानी भरने से कटाई और सुखाने की प्रक्रिया ठप हो गई है. कृषि विभाग की टीमें नुकसान का आकलन करने में जुटी हैं, ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिल सके. विशेषज्ञों के अनुसार, बेमौसम बारिश जलवायु परिवर्तन का परिणाम है, जो खेती-किसानी के लिए लगातार चुनौती बनती जा रही है. ऐसे में किसानों को मौसम पूर्व चेतावनियों पर ध्यान देते हुए फसल बीमा और वैकल्पिक खेती की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है.  

नवसारी में सबसे ज्‍यादा बारिश 

आपको बता दें कि गुजरात में तीन हफ्तों की धूप के बाद शनिवार को फिर से बारिश शुरू हो गई है. दक्षिणी गुजरात के सभी जिलों में अच्छी खासी बारिश दर्ज की गई है. नवसारी में सबसे ज्यादा 106 एमएम बारिश हुई जबकि वलसाड के उमरगाम तालुका में 61 एमएम बारिश दर्ज की गई है. गुजरात में यह बेमौसम बारिश अरब सागर में बने डिप्रेशन की वजह से हो रही है. यह डिप्रेशन उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. यह सिस्टम गोवा के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम और मुंबई के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है.  इसकी वजह से अरब सागर से गुजरात के वायुमंडल में नमी का प्रवाह बढ़ गया है. 

29 अक्‍टूबर तक ऐसा ही मौसम 

मौसम विभाग (आईएमडी) ने 29 अक्टूबर तक दक्षिण गुजरात क्षेत्र के भरूच, सूरत, डांग, नवसारी, वलसाड, तापी और दमन, दादरा और नगर हवेली जिलों में कुछ जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ और दीव में भी भारी बारिश की संभावना है. इसके अलावा, अरवल्ली, खेड़ा, अहमदाबाद, आनंद, पंचमहल, दाहोद, महिसागर, वडोदरा, छोटा उदयपुर, नर्मदा, भरूच, सूरत, डांग, नवसारी, वलसाड, तापी, सुरेंद्रनगर, राजकोट, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ और दीव में भी कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई गई है. 

(रोनक जानी की रिपोर्ट)

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