Paddy Variety: धान की ये 3 किस्में हैं कमाल, कम पानी और सूखे में भी देंगी बंपर पैदावार

Paddy Variety: धान की ये 3 किस्में हैं कमाल, कम पानी और सूखे में भी देंगी बंपर पैदावार

धान की खेती एक श्रम-गहन प्रक्रिया है जिसमें खेतों को पानी से भरकर तैयार करना होता है. फिर चावल के पौधों को तैयार किया जाता है. फिर उसे खेतों में लगाया जाता है. ऐसे में पानी की समस्या और घटते जल स्तर को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने धान की ऐसे अनोखी किस्मों को तैयार किया है जो कम पानी और सूखे में भी बेहतर उपज देने में सक्षम हैं.

Advertisement
Paddy Variety: धान की ये 3 किस्में हैं कमाल, कम पानी और सूखे में भी देंगी बंपर पैदावारPaddy Variety: धान की अनोखी किस्म, कम पानी में भी देती है बंपर पैदावार

भारत में आज भी मौसम के आधार पर खेती-बाड़ी का काम किया जाता है ताकि फसलों की सिंचाई, निराई और गुड़ाई में ज्यादा खर्च ना करना पड़े. लेकिन जलवायु परिवर्तन की वजह से किसानों के लिए यह चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. समय पर बारिश ना होने और बेमौसम हो रही बारिश की वजह से फसलों का नुकसान होता है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है. ऐसे में धान की खेती कर रहे किसानों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. बदलती जयवायु में धान की खेती कर पाना अपने आप में चुनौती है.

धान की खेती एक श्रम-गहन प्रक्रिया है जिसमें खेतों को पानी से भरकर तैयार करना होता है. फिर चावल के पौधों को तैयार किया जाता है. फिर उसे खेतों में लगाया जाता है. ऐसे में पानी की समस्या और घटते जल स्तर को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने धान की ऐसी अनोखी किस्मों को तैयार किया है जो कम पानी और सूखे में भी बेहतर उपज देने में सक्षम हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इन विकसित किस्मों के बारे में.

मुख्य फसलों में की जाती है धान की गिनती

चावल दुनिया के कई हिस्सों में जहां एक मुख्य भोजन है वहीं कई देशों में यह मुख्य फसल के रूप में उगाया जाता है. खासकर एशिया में. यह कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत है और विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्व शरीर को देता है. ऐसे में धान की किस्म पूसा सुगंध-5, पूसा-1612 और स्वर्ण शक्ति धान अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जानी जाती है और सबसे खास बात ये है कि इन तीनों किस्मों में पानी की जरूरत तुलनात्मक रूप से कम होती है.

पूसा सुगंध-5 (Pusa Sugandh-5 Paddy variety)

पूसा सुगंध 5 भारत के दिल्ली में पूसा संस्थान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित सुगंधित चावल की एक किस्म है. यह चावल की एक संकर किस्म है जो अपनी सुखद सुगंध, बढ़िया दाने की गुणवत्ता और उच्च उपज क्षमता के लिए जानी जाती है. यह 120-125 दिनों में पक जाती है और इसकी औसत उपज 5.5-6 टन प्रति हेक्टेयर होती है. पूसा सुगंध 5 के दाने पतले, सुगंधित और लगभग 7-8 मिमी लंबे होते हैं. बासमती चावल के समान सुखद सुगंध के साथ चावल में एक महीन, मुलायम बनावट और नाजुक स्वाद होता है.

ये भी पढ़ें: Paddy Varieties: सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी होगी धान की अच्छी पैदावार, विकसित की गई दो उन्नत किस्में

पूसा सुगंध 5 चावल आमतौर पर भारत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली राज्यों में उगाया जाता है. इसका मुख्य रूप से बिरयानी, पिलाफ और पुलाव सहित कई प्रकार के व्यंजन बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. इसकी सुखद सुगंध और उच्च गुणवत्ता के कारण, पूसा सुगंध 5 को अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम सहित अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है.

पूसा 1612 (Pusa 1612 Variety)

पूसा 1612 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा दिल्ली, भारत में पूसा संस्थान में विकसित बासमती चावल की उच्च उपज और रोग प्रतिरोधी किस्म है. यह चावल की एक संकर किस्म है जिसे बासमती चावल की दो किस्मों - पूसा बासमती 1 और पूसा 1460 को क्रॉस करके विकसित किया गया था.

पूसा 1612 चावल अपने लंबे, पतले दानों के लिए जाना जाता है, जिनकी लंबाई लगभग 8-8.5 मिमी होती है. यह विभिन्न रोगों के लिए भी प्रतिरोधी है जो चावल की फसलों को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि ब्लास्ट और बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट आदि. पूसा 1612 चावल मुख्य रूप से भारत में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों में उगाया जाता है. यह अपनी उच्च उपज क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण किसानों के बीच लोकप्रिय किस्म है, जो फसल की उत्पादकता बढ़ाने और नुकसान को कम करने में मदद करती है.

स्वर्ण शक्ति धान (Swarna Shakti Dhaan)

स्वर्ण शक्ति धान धान (चावल) की एक उन्नत किस्म है जो मुख्य रूप से भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना में उगाई जाती है. यह चावल की एक उच्च उपज वाली किस्म है जिसे हैदराबाद, भारत में चावल अनुसंधान निदेशालय (DRR) द्वारा विकसित किया गया था.

यह कई रोगों और कीटों के लिए प्रतिरोधी है जो चावल की फसलों को प्रभावित कर सकते हैं, जिसमें ब्लास्ट और बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट शामिल हैं. स्वर्ण शक्ति धान द्वारा उत्पादित चावल के दाने मध्यम आकार के और पतले होते हैं, जिनमें सुखद सुगंध और थोड़ा मीठा स्वाद होता है. वे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और आयरन, जिंक और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिजों जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं.

यह एक मध्यम अवधि की किस्म है जो 115-120 दिन में पक जाती है.एक हेक्टेयर खेत से स्वर्ण शक्ति धान से 45-50 क्विंटल तक स्वस्थ उत्पादन लिया जा सकता है. स्वर्ण शक्ति धान का उपयोग आमतौर पर विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें बिरयानी, पुलाव और चावल से बने अन्य व्यंजन शामिल हैं. इसे अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है, विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में, जहां इसकी गुणवत्ता और स्वाद के कारण इसकी उच्च मांग है.

POST A COMMENT