त्रिपुरा में अनन्नास अब किसानों की किस्मत बदल रहा है. त्रिपुरा के अनन्नास की मिठास सिर्फ देश के लोग ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चखी जा रही है. यही वजह है कि त्रिपुरा के अनन्नास की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है. मांग बढ़ने से निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है. यहां के अनन्नास की मांग एशियाई देशों में ज्यादा है. इसकी खेप दुबई, बांग्लादेश और कतर तक की जाती है. त्रिपुरा से अनन्नास के अलावा भी कई फलों का विदेश में निर्यात किया जाता है.
त्रिपुरा से सालाना 1.28 लाख टन अनन्नास का उत्पादन किया जाता है. इसके लिए करीब 8800 हेक्टेयर भूमि में अनन्नास की खेती की जाती है. इसमें से ज्यादा क्षेत्रों में दो तरीके की वेरायटी की खेती की जाती है. ये वेरायटी केव और क्वीन है. ये वेरायटी काफी उच्च क्वालिटी की होती है. खासकर क्वीन वेरायटी की मांग सबसे अधिक विदेशों में रहती है. इस वेरायटी को राष्ट्रपती द्वारा राज्य फल घोषित किया गया है.
त्रिपुरा भारत का सबसे बड़ा अनन्नास उत्पादक राज्य है. इसकी खेती के लिए यहां की जलवायु और मिट्टी काफी उपयुक्त मानी जाती है. वहीं त्रिपुरा दुनिया की सबसे उच्चतम किस्म का क्वीन अनन्नास का उत्पादन करता है जिसकी मांग काफी अधिक है. राज्य में अब ऑर्गेनिक अनन्नास का उत्पादन भी शुरू हो गया है जिसका निर्यात जर्मनी जैसे देश को किया जाता है.
ये भी पढ़ें:- ऑयस्टर मशरूम से किसानों को होगा बेहतर मुनाफा, इस नई विधि से करें खेती
बाजार में अनन्नास की मांग बढ़े से किसानों को बेहतर कमाई होती है. अनन्नास की खेती भी बहुत महंगी और अधिक खर्च वाली नहीं है. यही वजह है कि कम लागत में किसान अधिक मुनाफा निकाल लेते हैं. अनन्नास का एक फल लगभग दो किलो का होता है जो बाजार में 150-200 रुपये में बिकता है. त्रिपुरा की ये खास उपज देश के अलावा विदेशों में बड़े स्तर पर निर्यात की जा रही है. त्रिपुरा सरकार भी इसकी खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती है.
त्रिपुरा में कुछ दिनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव में किसानों का भी एक मुद्दा है. किसान अनन्नास और अन्य उपजों के निर्यात में सरकार से सुविधा की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा और भी कई तरह की उपज है जो त्रिपुरा की पहचान है. उन उपजों के लिए भी किसान सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं. त्रिपुरा में अनन्नास के अलावा संतरा, काजू, कटहल, नारियल, चाय, रबड़ आदि की बड़े पैमाने पर खेती होती है. साथ ही त्रिपुरा में नर्सरी का काम भी बड़े पैमाने पर होता है. इन सभी किसानों को त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव से बहुत आस है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today