ऑयस्टर मशरूम से किसानों को होगा बेहतर मुनाफा, इस नई विधि से करें खेती

ऑयस्टर मशरूम से किसानों को होगा बेहतर मुनाफा, इस नई विधि से करें खेती

ऑयस्टर मशरूम की नई तकनीक में ग्रो बैग तैयार करने के लिए दो तकनीकों को अपनाया जाता है. पहले में भूसे के साथ ही गुड़ और चोकर मिलाया जाता है. बाकी की प्रक्रिया सामान्य विधि वाली ही अपनाई जाती है. दूसरी तकनीक में भूसा के साथ एनपीके और कैल्शियम कॉर्बानेट मिलाया जाता है.

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ऑयस्टर मशरूम से किसानों को होगा बेहतर मुनाफा, इस नई विधि से करें खेतीआयस्टर मशरूम की खेती से किसानों को होगा बेहतर मुनाफा, फोटो साभार: freepik

भारत में बढ़ते मशरूम की मांग और उत्पादन से बहुत बड़ा अंतर किसानों को मशरूम की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. मशरूम की खेती बहुत कम प्रयास में अच्छे मुनाफे के लिए एक अच्छा विकल्प है. वहीं मशरूम की खेती करने के लिए सरकार द्वारा प्रशिक्षण केंद्र और कृषि से जुड़े संस्थान में ट्रेनिंग भी दी जा रही है. भारत में ज्यादातर तीन से चार प्रकार की मशरूम की खेती की जाती है. इसमें एक मशरूम है ऑयस्टर (ढींगरी) जिसकी खेती कई राज्यों में की जाती है.

आपको बता दें ढींगरी यानी ऑयस्टर मशरूम में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं. ऑयस्टर मशरूम की खेती, तमिलनाडु, उड़ीसा, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, हरियाणा और गुजरात में खूब की जाती है. आइए जानते हैं कैसे ऑयस्टर मशरूम की खेती कर किसान कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा.

कैसे करें इसकी खेती

ऑयस्टर मशरूम की खेती किसी भी फसल के अवशेष जैसे, पुआल, गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, गन्ना, मूंगफली, सरसों, सूरजमुखी और सोयाबीन के छिलके और भूसे से की जा सकती है. इसको उगाने के लिए कमरे की जरूरत होती है जो बांस, पॉलीथीन या पुआल से बना हो. कमरे में उपयुक्त हवा आने की जगह हो. यह मशरूम उगाने के लिए किसी भी फसल का पुराना भूसा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

खेती की नई तकनीक

ऑयस्टर मशरूम की नई तकनीक में ग्रो बैग तैयार करने के लिए दो तकनीकों को अपनाया जाता है. पहले में भूसे के साथ ही गुड़ और चोकर मिलाया जाता है. बाकी की प्रक्रिया सामान्य विधि वाली ही अपनाई जाती है. दूसरी तकनीक में भूसा के साथ एनपीके और कैल्शियम कॉर्बानेट मिलाया जाता है. इस विधि से अधिक मशरूम का उत्पादन होता है. 

ऑयस्टर मशरूम के अलग-अलग प्रकार

गर्मी के मौसम में उगने वाले ऑयस्टर मशरूम, प्लूरोटस साजोर काजू, प्लूरोटस फ्लेबीलेटस, सेपीडस और जामोर हैं. तो वहीं ठंडी में उगाने वाले मशरूम, प्लुरोटस फ्लोरिडा और कार्नुकोपिया हैं.

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ऑयस्टर मशरूम का उपयोग

ऑयस्टर मशरूम का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है. जैसे, ढींगरी  मटर, ढींगरी आमलेट, पकोड़ा और बिरयानी में भी इसे इस्तेमाल किया जाता है. वहीं सूखी हुई ऑयस्टर का प्रयोग सब्जी बनाने में किया जाता है. इसके अचार और सूप भी काफी स्वादिष्ट बनते हैं.

ऑयस्टर मशरूम से मुनाफा

ऑयस्टर मशरूम का व्यवसाय किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है जिसमें किसानों को लागत बहुत कम आती है. जहां एक किलो ऑयस्‍टर मशरूम की लागत मूल्य लगभग 15-20 रुपये तक होती है. तो वहीं इसकी बाजार में कीमत 150 से 200 रुपये किलो है. किसान आसानी से इसे अच्छे मुनाफे के साथ बाजार में या किसी कंपनियों को भी बेच सकते हैं. यदि आप एक टन ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन करते हैं तो इससे आप दो से ढाई लाख का मुनाफा कमा सकते हैं.

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