आजकल टमाटर काफी चर्चा में है. टमाटर का नाम सुनते ही लोगों को महंगाई का ख्याल आने लगता है. सब्जी में टमाटर का नाम सुनते ही लोगों की भूख भी खत्म होने लगी है और हो भी क्यों नहीं, जो टमाटर अभी कुछ दिन पहले 20-30 रुपये प्रति किलो मिल रहा था, वह अचानक 100 रुपये के पार पहुंच गया है. ऐसे में लोग 100-250 ग्राम टमाटर से ही काम चला रहे हैं. वहीं, जो लोग अपने घरों या बगीचों में टमाटर की खेती कर रहे थे, वे अब खुद को अमीर समझने लगे हैं. गली-मोहल्ले में उनकी और उनके टमाटरों की चर्चा हो रही है. ऐसे में अगर आप भी इस आर्थिक बोझ को कम करना चाहते हैं तो घर में ही टमाटर लगा सकते हैं. इसके लिए आपको उन्नत किस्मों के बीज का चयन करना होगा. तो आइए जानते हैं टमाटर की उन्नत किस्मों के बारे में.
अर्का रक्षक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) - भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) द्वारा विकसित टमाटर की एक लोकप्रिय किस्म है. यह कई बीमारियों के प्रति अपनी प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है. अर्का रक्षक अपनी उच्च उपज क्षमता के लिए जानी जाती है, जो इसे किसानों के बीच एक पसंदीदा विकल्प बनाता है.
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इस किस्म में प्रति पौधे बड़ी संख्या में टमाटर पैदा करने की क्षमता है, जो लाभप्रदता बढ़ाने में योगदान करती है. अर्का रक्षक टमाटर की किस्म विभिन्न कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल है, जो इसे पूरे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में खेती करने की अनुमति देती है. यह खुले मैदान और संरक्षित खेती प्रणाली दोनों में अच्छा प्रदर्शन करता है. अर्का रक्षक टमाटर को पौध प्रत्यारोपण और सीधी बुआई दोनों तरीकों से उगाया जा सकता है. पौधों की सर्वोत्तम वृद्धि और फलों के विकास के लिए पर्याप्त दूरी, उचित सिंचाई और पोषक तत्व प्रबंधन महत्वपूर्ण हैं. पौधों को सीधा रखने और फलों को नुकसान से बचाने के लिए जाली या डंडे जैसे समर्थन प्रदान करने की सिफारिश की जाती है.
इसके टमाटर एकदम लाल रंग के होते हैं और आकार में भी अच्छे होते हैं. साथ ही ये चिकने भी होते हैं. इस वजह से बाजार में इसकी मांग ज्यादा है और यह ऐसा टमाटर है, जो दूसरे बाजारों यानी दूसरे राज्यों और विदेशों में भी भेजा जाता है. इस किस्म के पौधे बौने, झाड़ीदार और मध्यम मात्रा में पत्तेदार होते हैं. वही इस किस्म के टमाटर चिकने और अंडाकार होते हैं. यह फल अपनी उच्च शेल्फ लाइफ और गुणवत्ता बनाए रखने के कारण पैकेजिंग और प्रसंस्करण दोनों उद्देश्यों के लिए उपयुक्त हैं.
पूसा गौरव लीफ कर्ल वायरस के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है, जो कई क्षेत्रों में टमाटर की फसलों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है. यह प्रतिरोध पौधे को वायरस से बचाने में मदद करता है और बेहतर उपज और उत्पादकता सुनिश्चित करता है. पूसा गौरव अपनी उच्च उपज क्षमता के लिए जाना जाता है, जो इसे किसानों के बीच एक पसंदीदा विकल्प बनाता है.
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