पूरे देश में टमाटर की बढ़ती कीमत से आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. महंगाई का आलम यह है कि टमाटर 50 से 60 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं, तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में टमाटर इतना सस्ता हो गया है कि किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. होलसेल मार्केट में टमाटर खरीद कीमत 30-35 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 10 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है. इससे डिंडीगुल और मदुरै जिले के किसानों को झटका लगा है. कीमत में गिरावट के कारण उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार में टमाटर की खुदरा कीमत 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है. इससे होलसेल मार्केट में टमाटर की खरीद रेट भी गिरकर 10 रुपये किलो पर पहुंच गया है. जबकि, किसानों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से उडुमलाईपेट से भारी मात्रा में फसल आने के कारण खरीद मूल्य में भारी गिरावट आई है. ओटनचत्रम के टमाटर किसान सौंदर ने कहा कि मेरे पास ओटनचत्रम में कई एकड़ में टमाटर की खेती है. चूंकि टमाटर ओटनचत्रम बाजार में खरीदे और बेचे जाते हैं, इसलिए हमें कीमतों में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है.
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उन्होंने कहा कि टमाटर की चार किस्में होती हैं और गुणवत्ता के आधार पर, कीमत 100-200 रुपये प्रति बॉक्स (15 किलोग्राम) के बीच तय की जाती है. ओड्डनचत्रम सब्जी मंडी के थोक व्यापारी मोहम्मद सादिक ने टीएनआईई से बात करते हुए कहा कि टमाटर का मौजूदा थोक मूल्य 150 रुपये प्रति बॉक्स से शुरू हो रहा है. जबकि पिछले सप्ताह, कीमत 500-600 रुपये प्रति बॉक्स के बीच थी और पिछले महीने, यह 700-800 रुपये प्रति बॉक्स के आसपास थी.
स्थानीय व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं ने पिछले कुछ दिनों में अधिक टमाटर खरीदे हैं. हमारा मानना है कि टमाटर के आकार और गुणवत्ता के आधार पर खुदरा मूल्य लगभग 10-12 रुपये प्रति किलोग्राम होगा. टमाटर के एक अन्य व्यापारी के अकबर ने कहा कि पिछले महीने ओटंचत्रम बाजार में टमाटर की आवक लगभग 10,000 बक्से प्रतिदिन थी. हालांकि, अब आवक में बड़ी उछाल आई है और रोज लगभग 50,000 बक्से टमाटर आ रहे हैं. ये टमाटर ज्यादातर ओटंचत्रम और डिंडीगुल के अन्य आस-पास के इलाकों से आ रहे हैं. इसके अलावा, तिरुप्पुर के उदुमलाईपेट तालुक से टमाटर लदे ट्रक बाजार में आने लगे हैं. हमें आने वाले दिनों में इस तरह की और आवक की उम्मीद है, क्योंकि खेतों के सभी हिस्सों में कटाई शुरू हो गई है.
इस बीच, बागवानी विभाग के एक अधिकारी ने कीमतों में गिरावट को अस्थायी बताया और किसानों को घबराने की सलाह नहीं दी. अधिकारी ने कहा कि कीमतें कुछ हफ्तों में स्थिर हो जाएंगी और आवक कम होने पर बढ़ भी जाएंगी. हमें यह समझना चाहिए कि कीमतों में उछाल और गिरावट सब्जी व्यापार चक्र का एक हिस्सा है. खास बात यह है कि ओटंचत्रम बाजार में दक्षिणी तमिलनाडु के सभी हिस्सों से सब्जियां आती हैं. इसलिए, उपज की आवक के अनुसार कीमतें बदलती रहेंगी.
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