इस समय महाराष्ट्र में टमाटर उत्पादक किसान संकट में हैं. क्योंकि कीमतों में भारी गिरावट आई है. राज्य की कई मंडियों में इतना कम दाम मिल रहा है कि खेत से वहां तक ले जाने का खर्च भी नहीं निकल रहा है. किसानों का कहना है कि दो रुपये किलो बेचने से अच्छा उसे फेंक देना है. राज्य में सबसे सबसे ज्यादा टमाटर नासिक जिले में होता है. लेकिन, अभी जिले में किसानों को टमाटर का सिर्फ 2 से 4 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है. जबकि प्रति एकड़ में टमाटर खेती में करीब 1.5 लाख रुपये का खर्च आता है. ऐसे में मिल रहे कम भाव से कई किसान अपनी टमाटर की फसल को खेत में ही नष्ट कर रहे हैं.
ताज़ा मामला सामने आया है नासिक जिले में पिंपलगांव तालुका के खांब गांव से. जहां पर किसान उत्तम जाधव ने अपने 2 एकड़ खेत लगे टमाटर को खेत में ही छोड़ दिया. जाधव का कहना है कि जून में 2 एकड़ में टमाटर लगाया था. इस उम्मीद में कि भाव 20-25 रुपये किलो के हिसाब से मिलेगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. किसान को उनके टमाटर का सिर्फ 2 से 4 रुपये प्रति किलो का भाव मिला. जाधव ने कहा कि इस खेती में उन्हें खाद, दवा, मल्चिंग पेपर, बीज और मजदूरी पर 3 लाख रुपये खर्च करने पड़े थे. लेकिन दाम उस हिसाब से नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसान मायूस हो चुके हैं. किसान मांग कर रहे हैं कि टमाटर पर सब्सिडी दे. ताकि नुकसान की भरपाई हो सके.
गणेश पाटिल का कहना है कि मैंने एक एकड़ में टमाटर लगाया था. जिसमें मैंने 70 से 80 हज़ार का खर्च आया, लेकिन बाजार में दाम सिर्फ 3 रुपये प्रति किलो के भाव से मिला. ऐसे में मंडी तक लेकर जाने का खर्च भी नहीं निकला. पाटिल ने बताया कि टमाटर की बंपर आवक के बाद दाम गिरे, मांग कम और सप्लाई ज्यादा होने से व्यापारी माल नहीं खरीद रहे हैं. वहीं इसके चलते अब कुछ किसान सॉस बनाने वाली कंपनी को 4 रुपये प्रति किलो के हिसाब से टमाटर बेच रहे हैं.
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दूसरे युवा किसान सागर जाधव को टमाटर का भाव 2.5 रुपये किलो के हिसाब से मिला. उनके पास 2 एकड़ में टमाटर की खेती थी. जाधव का कहना है कि अब टमाटर तोड़ने में रोजाना 4 से 5 हजार का खर्च आता है, ऐसे में सवाल यह है कि टमाटर निकालने के लिए पैसे कहां से लाएं. इसलिए वह निराश हैं.
उनका कहना है कि ऐसी ही वजहों से युवा पीढ़ी खेती की बजाय नौकरी की ओर रुख कर रही है. नौकरी में कम से कम हर महीने पैसे मिलने की गारंटी रहती है. जाधव का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो किसान नहीं बचेगा.
नासिक में सह्याद्रि फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने सॉस बनाने के लिए बड़ी मात्रा में टमाटर खरीदना शुरू कर दिया है. कंपनी किसानों से चार रुपये प्रति किलो के हिसाब से टमाटर खरीद रही है. कंपनी ने 1000 टन टमाटर किसानों से खरीदा है. अगर किसानों को ऐसा विकल्प मिले तो उन्हें कुछ राहत मिलेगी. हालांकि दाम कम से उत्पादन पर आने वाले खर्च से अधिक मिलना चाहिए. (रिपोर्ट / प्रवीण ठाकरे)
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