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टमाटर, मिर्च और बैंगन की कब करें तुड़ाई, अच्छी कमाई के लिए जरूर जानें ये डिटेल्स 

टमाटर, मिर्च और बैंगन की कब करें तुड़ाई, अच्छी कमाई के लिए जरूर जानें ये डिटेल्स 

विशेषज्ञों की मानें तो टमाटर को अगर तोड़ने के तुरंत बाद दूर मंडियों में भेजना है तो फिर जब वह हल्के गुलाबी रंग में हो तो तोड़ लें. इसी तरह से अगर पास की मंडियों में भेजना है तो फिर जब टमाटर हल्के लाल रंग में नजर आएं तो ही तोड़ें. इनसे अलग अगर टमाटर को लोकल बाजार में बेचने के लिए भेजना है तो फिर जब यह अच्छी तरह से पक जाए और लाल रंग का नजर आने लगे तभी तोड़ें. 

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सब्जियों को तोड़ने का समय भी काफी महत्‍वपूर्ण होता है सब्जियों को तोड़ने का समय भी काफी महत्‍वपूर्ण होता है

टमाटर, मिर्च और बैंगन, वो सब्जियां जिन्‍हें लोग चाव से खाते हैं और आज जो किचन गार्डेन की भी जान बन चुकी हैं. भारत जिसे एक कृषि प्रधान देश के तौर पर जाना जाता है, आज वहां पर सब्जियां किसानों के लिए अच्‍छी आय का बड़ी जरिया बन चुकी हैं. लेकिन यह बात भी ध्‍यान रखने वाली है कि इन सब्जियों के बोने के समय से लेकर इन्‍हें काटने या तोड़ने तक का समय काफी अहम होता है. सवाल यही है कि क्‍या इन सब्जियों को तोड़ने में या इनकी कटाई में समय ध्‍यान देने वाला विषय है, तो विशेषज्ञों के अनुसार हां. जानिए आखिर आपको कब इनकी तुड़ाई करनी चाहिए. 

कब तोड़ें टमाटर को 

विशेषज्ञों की मानें तो टमाटर को अगर तोड़ने के तुरंत बाद दूर मंडियों में भेजना है तो फिर जब वह हल्के गुलाबी रंग में हो तो तोड़ लें. इसी तरह से अगर पास की मंडियों में भेजना है तो फिर जब टमाटर हल्के लाल रंग में नजर आएं तो ही तोड़ें. इनसे अलग अगर टमाटर को लोकल बाजार में बेचने के लिए भेजना है तो फिर जब यह अच्छी तरह से पक जाए और लाल रंग का नजर आने लगे तभी तोड़ें. 

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बैंगन और मिर्च का समय 

इसी  तरह से हरी मिर्च की तुड़ाई इसमें फूल आने के करीब एक महीने बाद की जाती है. मिर्च को अगर मसालों के लिए प्रयोग करना है तो फिर उसे पौधें में ही लाल होने दे. जब यह पक जाए तो तोड़कर धूप में सूखा लें.  अब बात बैंगन की तो जब इसका फल मुलायम हो और उनमें ज्यादा बीज न बने हो तभी फल तोड़ लेना चाहिए. बैंगन को अंगूठे से दबाकर देख लेना चाहिए कि वह मुलायम है या नहीं. 

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कितने दिन में तैयार होती फसल 

विशेषज्ञों की मानें तो टमाटर की फसल 75 से 100 दिन में तैयार हो जाती है.  जुलाई-अगस्त में रोपी गई फसल अक्टूबर-नवंबर में तैयार होती है. सिंचित क्षेत्र में औसत पैदावार करीब 300-350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और हाइब्रिड  किस्म की फसल 500-600 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मिल जाती है. 

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असीमित बढ़वार वाली किस्म की उपज समान्यतया ज्‍यादा होती है. बैंगन में औसत पैदावार करीब 500-600 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और हाइब्रिड  किस्म की उपज 600-800 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलती है. वहीं सिंचित क्षेत्र में हरी मिर्च की औसत पैदावार करीब 100-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और सूखें फल की फसल 20-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलती है.