अनिश्चित मौसम के चलते चाय के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई, जिससे आपूर्ति को लेकर चिंता सताने लगी है. उत्तर भारत में जून 2024 में अब तक चाय उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 60 मिलियन किलोग्राम की गिरावट देखी गई. अधिक गर्मी और जरूरत से कम बारिश के चलते चाय की खेती के रकबे में कमी दर्ज की गई है. प्रमुख उत्पादक राज्यों असम और पश्चिम बंगाल में चाय उत्पादन में मई से अब तक बड़ी कमी दर्ज की गई है और उत्पादकों का नुकसान हुआ है.
भारतीय चाय संघ (TAI) ने कहा कि जून 2024 के अंत तक उत्तर भारत में चाय उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 60 मिलियन किलोग्राम की गिरावट आने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार भारतीय चाय संघ ने कहा कि उत्तर भारतीय चाय उद्योग के उत्पादन के आंकड़े उद्योग में अनिश्चित स्थिति को दर्शाते हैं. कहा गया कि कम बारिश और और अत्यधिक तापमान के चलते मई 2024 तक चालू फसल मौसम के दौरान फसल के उत्पादन में बाधा आई है.
संघ ने कहा कि भारतीय चाय बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2024 तक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में असम में लगभग 8 फीसदी और पश्चिम बंगाल में लगभग 13 फीसदी उत्पादन में गिरावट आई है. चाय बागानों से मिली रिपोर्ट के आधार पर संघ ने कहा कि असम और पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में मई 2024 के महीने में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20 फीसदी और 40 फीसदी की कमी आने का अनुमान है. गिरावट की वजह जरूरत से कम बारिश का होना और अधिक तापमान को माना जा रहा है.
आंकड़े बताते हैं कि 1 मार्च से 31 मई की अवधि तक पश्चिम बंगाल के प्रमुख चाय उत्पादक जिलों में 50 फीसदी से 80 फीसदी और असम में 10 फीसदी से 30 फीसदी तक की कमी आई है. अनिश्चित मौसम से चाय उत्पादकों को फसल का नुकसान हुआ है. वहीं, उत्पादन में गिरावट से बाजार में कीमतों पर दबाव बढ़ने की आशंका है.
संघ की ओर से कहा गया कि चाय की फसल बारिश पर निर्भर करती है. लेकिन, अप्रैल और मई महीने में कम बारिश ने उत्पादन को प्रभावित किया है. संगठन ने कहा कि मानसून की शुरुआत के बाद दोनों राज्यों में जून महीने के पहले पखवारे के दौरान अच्छी बारिश देखी गई है. लेकिन, उत्पादकों की मुश्किल तब बढ़ गई जब बारिश तो हुई लेकिन पौधों के लिए जरूरी धूप नहीं मिल सकी और दोनों राज्यों में फसल उत्पादन फिर से प्रभावित हुआ.
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