Sugarcane Politics: गन्ने के दाम पर हरियाणा और पंजाब के दांव से उत्तर प्रदेश पर बढ़ा दबाव

Sugarcane Politics: गन्ने के दाम पर हरियाणा और पंजाब के दांव से उत्तर प्रदेश पर बढ़ा दबाव

आम आदमी पार्टी के शासन वाले पंजाब में 391 रुपये क्व‍िंटल हुआ गन्ने का दाम, दूसरी ओर बीजेपी शास‍ित हरियाणा में 386 रुपयेका म‍िल रहा है भाव. जबकि यूपी में अब भी सिर्फ 350 रुपये क्व‍िंटल का ही चल रहा है रेट. क्या लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के क‍िसानों को म‍िलेगी खुशखबरी. 

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Sugarcane Politics: गन्ने के दाम पर हरियाणा और पंजाब के दांव से उत्तर प्रदेश पर बढ़ा दबावउत्तर प्रदेश में स‍िर्फ 350 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल है गन्ने का दाम.

लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में गन्ना को लेकर सियासी जंग छ‍िड़ सकती है. पंजाब और हर‍ियाणा सरकार द्वारा गन्ने के दाम बढ़ाने के बाद अब उत्तर प्रदेश के ल‍िए मुसीबत बढ़ा दी है. आम आदमी पार्टी के शासन वाले पंजाब में गन्ने का रेट देश में सबसे अध‍िक हो चुका है. अब यहां के क‍िसानों से 391 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल के ह‍िसाब से गन्ना खरीदा जाएगा. जबक‍ि बीजेपी शास‍ित हर‍ियाणा गन्ना मूल्य देने के मामले में देश में दूसरे नंबर पर आ गया है. नवंबर से शुरू हुए नए गन्ना पेराई सत्र के ल‍िए हर‍ियाणा सरकार अपने सूबे के क‍िसानों को 386 रुपए प्रति क्विंटल दाम होगा जबक‍ि अगले सत्र के ल‍िए 400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल. यह एक तरह से चुनावी दांव है. दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में क‍िसानों को अभी स‍िर्फ 350 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल का ही दाम म‍िल रहा है.

उत्तर प्रदेश में इसील‍िए गन्ना क‍िसानों की ओर से दाम बढ़ाने का दबाव बन रहा है. क‍िसान शक्त‍ि संघ के नेता पुष्पेंद्र स‍िंह का कहना है क‍ि यूपी सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है लेक‍िन अभी यहां पंजाब और हर‍ियाणा के मुकाबले क‍िसानों को काफी कम पैसा म‍िल रहा है. यूपी में पंजाब के मुकाबले 41 रुपये कम और हर‍ियाणा के मुकाबले 36 रुपये कम दाम म‍िल रहा है. लोकसभा चुनाव में इसे क‍िसान मुद्दा बनाएंगे. यूपी में अब कम से कम 400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल गन्ने का रेट म‍िलना चाह‍िए.

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यूपी में क‍िसने बढ़ाया सबसे ज्यादा दाम

उत्तर प्रदेश में गन्ने का सबसे अच्छा दाम बसपा सरकार में मिला था. साल 2007 में जब मायावती ने सरकार संभाली तब गन्ने का दाम 125 रुपये प्रति क्विंटल था. जिसे उन्होंने पांच साल में 115 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 240 रुपये पर पहुंचाया. इसके बाद अखिलेश सरकार ने अपने पांच साल में 65 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की. जहां तक योगी आद‍ित्यनाथ की बात है तो उन्होंने स‍ितंबर 2021 तक अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में स‍िर्फ 35 रुपये प्रति क्विटंल का इजाफा करके इसे 350 रुपये प्रति क्विंटल क‍िया था. उसके बाद से क‍िसान दाम में वृद्ध‍ि का इंतजार कर रहे हैं. हर‍ियाणा और पंजाब में लगातार दाम बढ़ता रहा, लेक‍िन यूपी में ऐसा नहीं हुआ.

पश्च‍िम के क‍िसान नेताओं पर सवाल

इस बार उत्तर प्रदेश के क‍िसानों को उम्मीद है क‍ि सरकार गन्ने का दाम 35 रुपये क्व‍िंटल तक बढ़ा सकती है. हालांक‍ि, गन्ना पेराई सत्र शुरू होने के बावजूद अब तक दाम की कोई घोषणा नहीं हुई है. 'क‍िसान तक' के एक कार्यक्रम में हर‍ियाणा के क‍िसान नेता गुरनाम स‍िंह चढूनी ने कहा था क‍ि पंजाब-हर‍ियाणा के नेता सरकार के ख‍िलाफ संघर्ष करके अपने सूबे के क‍िसानों के ल‍िए गन्ने का दाम बढ़वा लेते हैं, जबक‍ि पश्च‍िम यूपी के क‍िसान नेता सरकार और म‍िलों से सेट‍िंग की वजह से अपने राज्य के क‍िसानों के ल‍िए संघर्ष नहीं करते.

हर‍ियाणा ने एक साथ दो सीजन के दाम बढ़ाए

एक तरफ यूपी के किसान लंबे समय से गन्ने का रेट बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं तो दूसरी ओर, हर‍ियाणा सरकार ने एक बार में दो सीजन के रेट को बढ़ा द‍िया है. सीएम मनोहरलाल ने कहा कि अगले वर्ष जिन दिनों गन्ने का रेट घोषित होता है, उन दिनों में आचार संहिता लगी होगी. इसलिए विभाग से परामर्श करके अगले वर्ष के लिए गन्ने का रेट 400 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया जाता है. सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गन्ना किसानों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए उचित मूल्य मिले. गन्ने की दरों में उल्लेखनीय वृद्धि करके किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

क‍िस राज्य की क‍ितने ह‍िस्सेदारी 

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है. केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार देश के कुल गन्ना उत्पादन में इसकी ह‍िस्सेदारी 47.4 फीसदी है. जबक‍ि 25.3 फीसदी के साथ महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है. दूसरी ओर हर‍ियाणा और पंजाब की देश के कुल गन्ना उत्पादन में ह‍िस्सेदारी स‍िर्फ 2-2 फीसदी है. पंजाब में 16 शुगर म‍िल हैं जबक‍ि हर‍ियाणा में 14 संचाल‍ित हैं. दूसरी ओर यूपी में 200 और महाराष्ट्र में 120 चीनी म‍िलें चल रही हैं. ऐसे में छोटे राज्यों ने यूपी जैसे बड़े गन्ना उत्पादक सूबे के ल‍िए बड़ी मुश्क‍िल पैदा कर दी है.  

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