स्टीविया एक बारहमासी फसल है. यानी बुआई के कई महीनों बाद फसल शुरू होती है. स्टीविया की फसल लगाने के बाद 6 महीने में पहली फसल तैयार हो जाती है और फिर हर 3 महीने में किसान इसकी फसल ले सकते हैं. स्टीविया एक प्रकार का औषधीय पौधा है, जिसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कि एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, साथ ही कैल्शियम, जिंक, आयरन, फास्फोरस, तांबा, मैंगनीज आदि के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है. मरीज़.
इन्हीं गुणों के कारण इसकी बाजार में काफी मांग है. स्टीविया की खेती के लिए आपको ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं है, आप कम जमीन में भी इसकी खेती कर सकते हैं.
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स्टीविया एक औषधीय पौधा है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर कई बीमारियों के लिए किया जाता है. अगर इसकी खेती की लागत की बात करें तो एक एकड़ में लगभग 40,000 पौधे लगाए जा सकते हैं. स्टीविया की खेती में लागत मात्र एक लाख रुपये आती है. स्टीविया की खेती से एक सीजन में 5 लाख रुपये तक का मुनाफा हो सकता है. जिसकी कीमत करीब एक लाख रुपये है. इस पौधे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी खेती कम जगह में भी की जा सकती है. स्टीविया की खेती का व्यवसाय काफी लाभदायक साबित हो सकता है. तो अगर आप बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प होगा.
स्टीविया को मीठी तुलसी भी कहा जाता है. इसके सार की मिठास चीनी की मिठास से 300 गुना अधिक मीठी है, लेकिन फिर भी मधुमेह रोगियों के लिए यह एक बढ़िया विकल्प है. मीठा होने के बावजूद स्टीविया में कैलोरी बहुत कम होती है. यानी अगर आप इसका सेवन करते हैं तो भी आपको वजन बढ़ने की चिंता नहीं होगी. आप इसे अपनी मिठाइयों और कुकीज़ में भी शामिल कर सकते हैं. आप इसे बच्चों की डाइट में भी शामिल कर सकते हैं. यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो आप चीनी से स्टीविया का सेवन कर सकते हैं.
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