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मसाला बोर्ड ने तय किया नया लक्ष्य, वर्ष 2030 तक 10 अरब डॉलर का होगा एक्सपोर्ट

मसाला बोर्ड ने तय किया नया लक्ष्य, वर्ष 2030 तक 10 अरब डॉलर का होगा एक्सपोर्ट

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि इससे पूरी वैल्यू चेन को मजबूती मिलेगी. मसाला बोर्ड की 36वीं वर्षगांठ समारोह में मसाला उद्योग के नेताओं और निर्यातकों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "अगर अर्थव्यवस्था के भीतर अधिक मूल्यवर्धन होता है, तो यह क्षेत्र को और अधिक लचीला बना देगा.

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मसाला निर्यात को बढ़ाने का लक्ष्य मसाला निर्यात को बढ़ाने का लक्ष्य

भारत जैसे देशों में मसाला फसलों की खेती मुख्य तौर पर की जाती है. इस मुख्य कारण मसाला की बढ़ती मांग है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक और उपभोक्ता देश है. विश्व के लगभग 60 प्रतिशत मसालों की आपूर्ति भारत से होती है. देश में अनुमानित 12.50 लाख हेक्टेयर में मसालों की खेती होती है, जिससे हर साल लगभग 10.5 लाख टन मसालों का उत्पादन होता है. ऐसे में मसाला के निर्यात को और अधिक बढ़ाने की बात काही जा रही है. निर्यात बाजारों के विविधीकरण और मसाला क्षेत्र में 'ब्रांड इंडिया' बनाने से भारत को मसालों के निर्यात में अधिक टिकाऊ और लचीला बनाने में मदद मिलेगी.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि इससे पूरी वैल्यू चेन को मजबूती मिलेगी. मसाला बोर्ड की 36वीं वर्षगांठ समारोह में मसाला उद्योग के नेताओं और निर्यातकों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "अगर अर्थव्यवस्था के भीतर अधिक मूल्यवर्धन होता है, तो यह क्षेत्र को और अधिक लचीला बना देगा.

मसालों के निर्यात में 10 अरब डॉलर हासिल करने का लक्ष्य

उन्होंने मसाला क्षेत्र में और वृद्धि और विकास के लिए प्रौद्योगिकी और सार्वजनिक-निजी भागीदारी का लाभ उठाने का भी घोषणा की है. मसाला बोर्ड के सचिव डी साथियान ने कहा कि बोर्ड 2030 तक मसालों के निर्यात में 10 अरब डॉलर हासिल करने की रणनीति बना रहा है और सामूहिक कार्रवाई के लिए हितधारकों से अंतर्दृष्टि का अनुरोध किया है. निर्यात को दोगुना करने पर एक पैनल चर्चा भी हुई. बोर्ड ने 20 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करते हुए 'स्वच्छ और सुरक्षित मसालों' पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान भी चलाया है.

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भारत में मसाला की खेती

भारत दुनिया में कई तरह के मसाले उगाता है जैसे इलायची लौंग काली मिर्च लाल मिर्च जैसे कई मसाले. आंध्र प्रदेश सभी मसालों को एक साथ उगाने वाला सबसे बड़ा राज्य है. लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके अलावा और कहीं मसाले नहीं उगाए जाते. आंध्र प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र मसालों को उगाने के लिए एक अच्छा वातावरण बनाते हैं. कर्नाटक दालचीनी, जावित्री, जायफल और तेजपत्ता का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. लौंग का उत्पादन भारत के अलावा दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे इंडोनेशिया और मलेशिया में भी होता है. लेकिन भारत अभी भी लौंग के उत्पादन में एक बड़ा हिस्सा रखता है. भारत में लौंग के उत्पादन में कर्नाटक सबसे बड़ा राज्य है.