बंजर जमीन में भी उगा सकते हैं गेहूं की यह खास वैरायटी, जानिए एग्रीकल्चर एक्सपर्ट से टिप्स

बंजर जमीन में भी उगा सकते हैं गेहूं की यह खास वैरायटी, जानिए एग्रीकल्चर एक्सपर्ट से टिप्स

Wheat Farming: डॉ सचान ने किसान भाइयों को सलाह दी है कि वह उसर भूमियों में गेहूं की बुवाई 20 नवंबर तक अवश्य कर दें. बुवाई के दिनों में औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस उत्तम होता है.  

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बंजर जमीन में भी उगा सकते हैं गेहूं की यह खास वैरायटी, जानिए एग्रीकल्चर एक्सपर्ट से टिप्सडॉ अनिल सचान बताते हैं कि ऊसर भूमि में हमेशा उचित नमी पर ही जुताई करें (फोटो- किसान तक)

खरीफ फसल की कटाई चल रही है. इसके बाद रबी सीजन की प्रमुख फसल में सबसे प्रमुख फसल गेहूं (Wheat Farming) की बुआई भी शुरू होगी. 15 नवंबर से गेहूं की बुआई शुरू हो जाती है. गेहूं एक पौष्टिक और देश में सबसे ज्यादा उत्पादित होने वाली फसल है. इसी कड़ी में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल सचान ने ऊसर भूमियों यानी बंजर जमीनों में गेहूं उत्पादन की आधुनिक तकनीक विषय पर किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की.

यूपी के इन जिले लवण और क्षार से प्रभावित

डॉ सचान ने बताया कि भारत में लगभग 6.73 मिलियन हेक्टेयर भूमि लवणीय तथा क्षारीय से प्रभावित है. जिसमें 3.77 मिलियन हेक्टेयर क्षारीय और 2.96 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र लवणीय है. उत्तर प्रदेश में 13.69 लाख हेक्टेयर लवण तथा क्षार से प्रभावित है जिसमें मुख्य रूप से कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, इटावा, औरैया, उन्नाव, फर्रुखाबाद, कन्नौज, मैनपुरी सहित कई जनपद लवण और क्षार से प्रभावित है.

बंजर भूमियों में बीज का जमाव कम

उन्होंने बताया कि इन भूमियों में लवण सहनशील गेहूं की प्रजातियां एवं नवीनतम तकनीकों के संयोजन से उत्पादन में वृद्धि कर खाद्य सुरक्षा को सतत रूप से स्थाई करने में महत्वपूर्ण योगदान होगा. डॉ अनिल सचान बताते हैं कि ऊसर भूमि में हमेशा उचित नमी पर ही जुताई करें तथा बड़े-बड़े ढेलों को भुरभुरा कर दें तथा मृदा परीक्षण की संस्तुति के आधार पर 200 किलोग्राम जिप्सम प्रति हेक्टेयर अवश्य प्रयोग करें. मृदा वैज्ञानिक डॉ सचान ने बताया कि ऊसर भूमियों में बीज का जमाव कम होता है. इसलिए संस्तुति मात्रा से सवा गुना ज्यादा अर्थात 115 से 120 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की दर से अवश्य प्रयोग करना चाहिए.

गेहूं की प्रजातियां RL 210 एवं K RL 213 बेस्ट

बीज का शोधन कार्बेंडाजिम  2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से शोधन करने के बाद किसान भाई बुवाई करें. डॉ सचान ने किसान भाइयों को सलाह दी है कि वह उसर भूमियों में गेहूं की बुवाई 20 नवंबर तक अवश्य कर दें. बुवाई के दिनों में औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस उत्तम होता है. उन्होंने बताया कि बीज 5 सेंटीमीटर से अधिक गहराई पर न डालें. उसर भूमियों हेतु गेहूं की प्रजातियां की RL 210 एवं K RL 213 सर्वोत्तम है. इन प्रजातियों का चयन कर किसान भाई ऊसर भूमियों में बुवाई कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि प्राकृतिक आपदाओं, कीट, उर्वरक, जंगली जानवरों की वजह से गेहूं के उत्पादन में कमी आ जाती है.

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