पंजाब-हरियाणा के किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले शुक्रवार को मोहाली में विशाल महापंचायत का आयोजन किया. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के इन नेताओं ने तय किया कि किसानों के मुद्दों को लेकर आगामी 2 महीने में देशभर में 20 बड़ी किसान महापंचायतों का आयोजन किया जाएगा. जबकि 6 नवम्बर को मोर्चे की राष्ट्रीय बैठक का आयोजन कर के देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया जाएगा. पंजाब, हरियाणा गवर्नरों के एडीसी एवं पंजाब मुख्यमंत्री के ओएसडी ने पंचायत स्थल पर आकर ज्ञापन लिया. इस मौके पर मुख्य तौर पर किसान नेता सरदार जगजीत सिंह दल्लेवाल, अभिमन्यु कोहाड़, सुखजिंदर सिंह खोसा, इंदरजीत सिंह कोठबुढा, जरनैल सिंह चहल, सेवा सिंह आर्य, सुखदेव सिंह भोजराज, सुखपाल सिंह दफ़्फ़र, सुखजीत सिंह, लखविंदर सिंह औलख, सतनाम सिंह बागड़िया आदि मौजूद रहे.
संगठन ने मुख्यतौर आठ मांगें की हैं. जिनमें सबसे बड़ी मांग एमएसपी को लेकर है. किसान लंबे समय से एमएसपी की गारंटी की मांग कर रहे हैं. सभी किसान संगठन इस मुद्दे पर एक हैं और यह संगठन भी इसीलिए इस मुद्दे को उठा रहा है. इसके नेताओं का कहना है कि एमएसपी की घोषणा हो जाती है लेकिन न उसे तय करने का फार्मूला ठीक है और न ही खरीद की कोई गारंटी दी जाती है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है. बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर लगाई गई 1200 डॉलर प्रति टन की मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस की शर्त भी वापस लेने की मांग की गई.
ये भी पढ़ें: बांग्लादेश ने बढ़ाया संतरे का आयात शुल्क, महाराष्ट्र के प्रभावित किसानों ने किया प्रदर्शन
1). स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए.
2). किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे केंद्र सरकार अपने वायदे के मुताबिक वापस ले.
3). लखीमपुर खीरी में किसानों के हत्यारे अजय मिश्रा टेनी एवम उनके बेटे आशीष मिश्रा को जेल में डाला जाए और निर्दोष किसानों को बिना शर्त रिहा किया जाए.
4). देश के किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए.
5). पंजाब और हरियाणा दोनों राज्य देश की खाद्य सुरक्षा के मामले में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, दोनों राज्यों के किसानों के बीच भाईचारा कायम रहना चाहिए. उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवम गुजरात के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए शारदा-यमुना लिंक का निर्माण किया जाए.
6). विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को तत्काल निरस्त किया जाए.
7). सभी मुक्त व्यापार समझौते तुरंत रद्द किये जाए और विदेश से आयातित कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया जाए.
8). बासमती धान के निर्यात पर 1200 डॉलर/टन की शर्त को हटाया जाए ताकि भारतीय किसानों का बासमती धान समय पर एवम पूरे दाम पर बिक सके.
ये भी पढ़ें: Onion Prices: खरीफ फसल की आवक में देरी, महाराष्ट्र में बढ़ी प्याज की थोक कीमत
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today