रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आईसीएआर के विभिन्न केंद्रों द्वारा विकसित फसलों की 109 किस्में जारी की. इन उन्नत किस्मों में गेहूं की भी दो किस्में शामिल हैं. गेहूं (कठिया) की नई विकसित किस्म का नाम पूसा गेहूं गौरव (एचआई-8840) है. यह फसल उन किसानों के लिए उपयोगी है, जिनके पास सिंचाई के साधन उपलब्ध हैं. वहीं, गेहूं की दूसरी नई किस्म पूसा गेहूं शरबती (एचआई-1665) है. यह किस्म समय पर बुआई के लिए उपयोगी है. इस किस्म से महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के मैदानी इलाकों के किसानों को फायदा मिलेगा.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश के सीहोर का शरबती गेहूं देश-विदेश में बहुत ही लोकप्रिय है, जो अन्य किसी सामान्य गेहूं से काफी महंगा बिकता है. माना जाता है कि इस गेहूं के आटे से बनी रोटी अधिक स्वादिष्ट और नरम होती है. इसलिए बाजार में महंगे दाम के बावजूद इसकी डिमांड बनी रहती है. अब शरबती गेहूं की नई किस्म आने से इसका दायरा बढ़ेगा और डिमांड पूरी करने में मदद मिलेगी.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा 109 जलवायु अनुकूल किस्मों की सूची में 69 नई किस्में अनाज की हैं, जिसमें गन्ना, दाल, चारा और तिलहन फसलें भी शामिल हैं; जबकि 40 बागवानी फसलों की वैरायटी में फूल, औषधीय पौधे, फल और सब्जी और मसालों की नई वैरायटी शामिल हैं.
खाद्य फसलें (69)
बागवानी फसलें (40)
अनाज (23)
दालें (11)
क्षमतावान फसलें (11)
सब्जी फसलें (8)
फल (8)
चारा फसलें (7)
तिलहन (7)
मसाले (6)
वृक्षारोपण फसलें (6)
रेसे वाली फसलें (6)
फूल (5)
गन्ना फसलें (4)
औषधीय पौधे (4)
कंदीय फसलें (3)
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वहीं, फसलों की 109 बायो फोर्टिफाइड और जलवायु अनुकूल किस्मों के जारी करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आमंत्रित किसानों से मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने किसानों से खेती, फसलों और किसानी की अन्य चुनौतियों पर बात की.
वहीं, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कृषि को अधिक लाभदायक बनाने, किसानों की आमदनी बढ़ाने, उत्पादन की लागत घटाने सहित अलग-अलग विषयों पर उनसे बात की. आईसीएआर केंद्र में आमंत्रित किसानों में काफी संख्या में महिला किसान भी थीं, जिन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात और कृषि की क्षेत्र में हो रहे काम को लेकर अपने अनुभव साझा किए.
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