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चावल मिलों की बिजली टैरिफ असमानता का मामला गरमाया, बाजार में चावल की कीमत पर पड़ रहा असर 

चावल मिलों की बिजली टैरिफ असमानता का मामला गरमाया, बाजार में चावल की कीमत पर पड़ रहा असर 

पश्चिम बंगाल में चावल मिलों को मिलने वाली बिजली दरों में असमानता ने बाजार में चावल की कीमतों को प्रभावित कर दिया है. बंगाल राइस मिल्स एसोसिएशन के अनुसार राज्य के दो हिस्सों में चावल मिलों को मिलने वाली बिजली के टैरिफ यानी यूनिट के मूल्य में अंतर है. इससे हो रहे नुकसान पर नाराज करीब 100 चावल मिलर्स ने राज्य की सभी मिलों के लिए बिजली टैरिफ एक समान करने की मांग की है.

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पश्चिम बंगाल में चावल मिलों की बिजली टैरिफ में असमानता. पश्चिम बंगाल में चावल मिलों की बिजली टैरिफ में असमानता.

पश्चिम बंगाल में चावल मिलों को मिलने वाली बिजली दरों में असमानता ने बाजार में चावल की कीमतों को प्रभावित कर दिया है. बंगाल राइस मिल्स एसोसिएशन के अनुसार राज्य के दो हिस्सों में चावल मिलों को मिलने वाली बिजली के टैरिफ यानी यूनिट के मूल्य में अंतर है. इससे हो रहे नुकसान पर नाराज करीब 100 चावल मिलर्स ने राज्य की सभी मिलों के लिए बिजली टैरिफ एक समान करने की मांग की है. इसके लिए राज्य बिजली लोकपाल से हस्तक्षेप की मांग की है, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है. 

चावल मिलों को दी जाने वाली बिजली के टैरिफ में अंतर से परेशान पश्चिम बंगाल के 100 चावल मिलों ने राज्य बिजली लोकपाल से मुलाकात कर इसमें तत्काल सुधार की मांग की है. इसके पहले पश्चिम बंगाल विद्युत नियामक आयोग से चावल मिलों ने हस्तक्षेप की मांग की थी, लेकिन मामले में सुनवाई नहीं हो पाई. बंगाल राइस मिल्स एसोसिएशन के अनुसार मिलों पर लागू बिजली दरों के संबंध में स्थान के आधार पर अंतर आर्थिक भेदभाव पैदा कर रहा है. क्योंकि, चावल मिल की कुल लागत में सर्वाधिक खर्च बिजली की लागत का है.

एसोसिएशन ने कहा कि पश्चिम बर्दवान, पूर्वी बर्दवान के कुछ हिस्सों और बांकुरा, पुरुलिया और हुगली इलाके के औद्योगिक ग्राहकों को बिजली पर अत्यधिक छूट दी जा रही है. जबकि, राज्य के बाकी हिस्सों में स्थित मिलों में दी जा रही बिजली दरों में 2.50 रुपये प्रति यूनिट का अंतर है. वर्तमान में राज्य भर में लगभग 1,400 चावल मिलें हैं. इनमें से ज्यादातर को रियायती दर पर बिजली मिल रही है. यह लाभ उठाने वाली मिलें बाजार में चावल की कीमत को भी प्रभावित कर रही है. 

बंगाल राइस मिल्स एसोसिएशन ने कहा कि राज्य भर में चावल मिलों के लिए बाजार क्षेत्र समान है. इसलिए बिजली की लागत में अंतर के कारण उन मिलों के लिए गंभीर परिणाम हुए हैं जो अधिक लागत पर काम कर रही हैं. इससे बाजार में असमान प्रतिस्पर्धा पैदा हो रही है. अपनी चिंताओं को उठाते हुए एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी (WBSEDCL), पश्चिम बंगाल सरकार के बिजली विभाग और पश्चिम बंगाल विद्युत नियामक आयोग (WBERC) से संपर्क किया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भी लिखा है. इसमें कहा गया है कि राज्य भर में चावल मिलों में बिजली दरें एक समान की जाएं. 

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