चौलाई के लड्डू तो आपने खूब खाए होंगे, अब जानिए कैसे होती है इसकी खेती

चौलाई के लड्डू तो आपने खूब खाए होंगे, अब जानिए कैसे होती है इसकी खेती

नवरात्र के व्रत में अक्सर आपने रामदाना के लड्डू खाए होंगे. इन्हें चौलाई के लड्डू भी कहा जाता है. क्या आप जानते हैं कि ये लड्डू जिस रामदाना से बनते हैं उसे उगाया कैसे जाता है.

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चौलाई के लड्डू तो आपने खूब खाए होंगे, अब जानिए कैसे होती है इसकी खेतीRamdana ki Kheti

चौलाई को रामदाना या राजगिरा के नाम से भी जाना जाता है. यह प्रोटीन, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ है.  रामदाना के आटे को गेहूं के आटे में मिलाकर जो मिश्रण तैयार होता है उससे बनी रोटी को संपूर्ण आहार माना जाता है.  व्रत व उपवास के दौरान रामदाने के लड्डू का सेवन भी काफी मशहूर है.  इसके अलावा रामदाने से कई तरह के बेकरी प्रोडक्ट जैसे बिस्किट, केक और पेस्ट्री भी बनाए जाते हैं. रामदाना की खेती मुख्य रूप से उत्तर पश्चिमी हिमालय के क्षेत्रों में की जाती थी, लेकिन अब देश के अन्य इलाके में भी होने लगी है. 

कौन सी है सही मिट्टी


यह एक दुर्लभ फसल होती है, इसे हर जगह उगा पाना थोड़ा मुश्किल होता है.  इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली ऐसी दोमट और बलुई मिट्टी होनी चाहिए, जिसका पीएच मान 5-7 हो. ऐसी मिट्टी से इसकी अच्छी उपज हासिल की जा सकती है. 

 

कैसे करें तैयारी 

जहां तक संभव हो इसकी बुआई के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए. दूसरी जुताई देसी हल से करके पाटा लगाकर मिट्टी के ढेले तोड़कर करनी चाहिए, जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए. ऐसा करने से बीजों का अंकुरण अच्छे से होगा और पौधे भी तेजी से बढ़ेंगे.

बुआई करने का तरीका


रामदाना की बुआई पंक्तियों में ही करनी चाहिए. पौधे से पौधों के बीच उचित दूरी बनी रहती है जिसकी वजह से निराई, गुड़ाई में आसानी रहती है. एक हेक्टेयर खेत में करीब 2 किलो बीज की बुआई की जाती है. इसके बीज काफी ज्यादा छोटे होने की वजह से बुआई के दौरान लोग बालू मिला लेते हैं इससे खेत में बीज एक समान पड़ते हैं. बुआई के बाद समय-समय पर खेत से खरपतवार की सफाई करते रहना चाहिए और पौधों के बीच लगभग 12-15 सेमी दूरी का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

इन बातों का जरूर रखें ध्यान


रामदाना के पौधों पर कीट का प्रकोप बहुत ज्यादा देखा गया है. ये कीट पौधों के हरे भाग को खाते हैं, जिससे पौधे सूखने लगते हैं. इससे बचाव के लिए खेत की गहरी जुताई करानी चाहिए. 

रामदाने के पौधे तेजी से बढ़ते हैं, कई बार ये 6 फुट या उससे भी ज्यादा लंबे हो जाते हैं इसलिए पौधों को टूटने से बचाने के लिए या उखाड़ने से बचाने के लिए मिट्टी चढ़ाना जरूरी होता है.

रामदाना में दाना बाली के नीचे से ऊपर की ओर से बनना शुरू होता है, जैसे ही बाली के ऊपर तक दाने भर जाएं तुरंत कटाई शुरू कर देनी चाहिए.  उसके बाद बाली से दाने को अलग करें और करीब 3 दिनों तक धूप में सुखा लें फिर भंडारण करें.

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