अरहर की फसल पर बारिश का असर, कीमतों में आ सकती है गिरावट

अरहर की फसल पर बारिश का असर, कीमतों में आ सकती है गिरावट

कई राज्यों में बारिश ने उड़द, मूंग जैसी अन्य फसलों को प्रभावित किया है, जो कटाई के लिए तैयार थीं. कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के अरहर उत्पादक क्षेत्रों में पिछले सप्ताह भारी बारिश हुई. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 29 अगस्त से 4 सितंबर के दौरान कलबुर्गी में सामान्य से 69 प्रतिशत अधिक बारिश हुई.

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अरहर की फसल पर बारिश का असर, कीमतों में आ सकती है गिरावटअरहर की उत्पादकता में आ सकती है गिरावट

हाल ही में हुई भारी बारिश से कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में अरहर की फसल पर काफी असर पड़ने की आशंका है. इस वजह से कर्नाटक के किसानों को डर है कि अत्यधिक बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया है, जिससे अरहर की फसल में फाइटोफ्थोरा रूट रॉट जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इससे अरहर की पैदावार गिर सकती है. लिहाजा किसानों की कमाई पर भी उलटा असर हो सकता है.

इन इलाकों में हुई भारी बारिश

बारिश ने उड़द, मूंग जैसी अन्य फसलों को भी प्रभावित किया है, जो जिले में कटाई के लिए तैयार थीं. कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के अरहर उत्पादक क्षेत्रों में पिछले सप्ताह भारी बारिश हुई. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 29 अगस्त से 4 सितंबर के दौरान कलबुर्गी में सामान्य से 69 प्रतिशत अधिक बारिश हुई. जबकि कर्नाटक के बीदर (210 प्रतिशत) और यादगीर (249 प्रतिशत) में सामान्य से अधिक बारिश हुई. महाराष्ट्र और तेलंगाना के आस-पास के जिलों में भी अत्यधिक बारिश हुई है.

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खेती के रकबे में हुई वृद्धि

30 अगस्त तक, देश भर में दलहन की खेती 7.26 प्रतिशत बढ़कर 125.13 लाख हेक्टेयर (एलएच) हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह रकबा 116.66 लाख हेक्टेयर था. देश भर में अरहर की खेती 12.37 प्रतिशत बढ़कर 45.78 लाख हेक्टेयर हो गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह रकबा 40.74 लाख हेक्टेयर था.

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किसानों ने की राहत की मांग

कर्नाटक में खेती का रकबा 23 प्रतिशत बढ़कर 15.67 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले यह रकबा 12.73 लाख हेक्टेयर था. महाराष्ट्र में खेती का रकबा 9.6 प्रतिशत बढ़कर 12.11 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले यह रकबा 11.04 लाख हेक्टेयर था. किसानों ने सरकार से फसलों पर बारिश के प्रभाव का आकलन करने और राहत देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि बारिश से अकेले कलबुर्गी में लगभग 2 लाख हेक्टेयर में खड़ी अरहर की फसल प्रभावित हो सकती है."

कीमतों में आ सकती है गिरावट

कर्नाटक के अधिकारियों ने कहा कि हालांकि कलबुर्गी के कुछ इलाकों में जलभराव के कारण कुछ प्रभाव पड़ेगा, लेकिन हाल की बारिश को अरहर की फसल के लिए नुकसानदेह से ज्यादा फायदेमंद माना जा रहा है. क्योंकि अगस्त के अधिकांश दिनों में कम बारिश हुई थी. कलबुर्गी में व्यापार सूत्रों ने कहा कि अत्यधिक बारिश का असर अगले कुछ हफ्तों में पता चलेगा. इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आईपीजीए) के अध्यक्ष बिमल कोठारी ने कहा कि अत्यधिक बारिश के कारण अरहर की फसल पर कुछ असर हो सकता है, लेकिन अभी इसका आकलन करना मुश्किल है. हालांकि, उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों में अरहर की कीमतों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है.

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