देशभर में रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी, किसानों को अब बढ़‍िया पैदावार की उम्‍मीद

देशभर में रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी, किसानों को अब बढ़‍िया पैदावार की उम्‍मीद

देशभर में रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. 3 जनवरी तक के आंकड़ों को देखें तो इस साल रकबे में मामूली बढ़ोतरी हुई है, अभी 622.52 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है. वहीं, इस साल गेहूं के बंपर उत्‍पादन को लेकर उम्‍मीद जगी हुई है.

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देशभर में रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी, किसानों को अब बढ़‍िया पैदावार की उम्‍मीदगेहूं की खेती.

इस साल देशभर में रबी फसलों के रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 3 जनवरी तक 622.52 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में सभी रबी फसलों की बुवाई हुई, जबकि‍ पिछले साल इस अवधि‍ में 621.52 में रबी फसलों की बुवाई हुई थी. ज्‍यादातर किसानों ने गेहूं की बुवाई का काम दिसंबर अंत तक पूरा कर लिया. यही वजह रही क‍ि पिछले हफ्ते गेहूं बुवाई के क्षेत्रफल में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई. वहीं, किसान अब अच्‍छे उत्‍पादन के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. तीन हफ्ते बाद पहली फसल कटाई की उम्‍मीद है. अब तक के अच्‍छे मौसम के हिसाब से किसानों को बंपर उत्‍पादन की उम्‍मीद है.

अच्‍छी पैदावार के लिए स्‍थि‍तियां अनुकूल

केंद्रीय कृषि‍ एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय ने सोमवार को बुवाई के आंकड़े जारी किए हैं. ताजा आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी सीजन में गेहूं का रकबा 319.74 लाख हेक्‍टेयर पहुंचा है. पिछले साल यह रकबा 318.33 लाख हेक्‍टेयर था. राज्यों ने जानकारी दी है कि बिजली, डीजल, सिंचाई के पानी, बीज और खाद की सप्‍लाई की स्‍थिति सामान्य है. अफसरों ने कहीं भी किसी कीट के प्रकोप की शिकायत नहीं आई है.

'ब‍िजनेसलाइन' की रिपोर्ट के मुताब‍िक, अधिकारियों ने कहा कि आने वाले तीन महीनों में तापमान की स्थिति ही उनकी मुख्य चिंता है, जिससे फसल उत्पादन तय होगा. चालू वर्ष में गेहूं उत्‍पादन का लक्ष्य 115 मिलियन टन तय किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, इस साल पिछले साल के मुकाबले गेहूं का रकबा अधिक होने की संभावना है, इसलिए देश में बंपर उत्पादन हो सकता है.

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फरवरी और मार्च में होगी कम बारिश

मौसम विभाग ने इस साल जनवरी से मार्च के दौरान सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जताई है. सा‍थ ही तापमान सामान्‍य से ज्‍यादा रहने का पूर्वानुमान जारी किया है. हालांकि, जनवरी के लिए अच्‍छी खबर है, क्‍योंकि इस महीने बारिश सामान्य से अधिक होगी.

पिछले साल के मुकाबले रकबे में इतनी घट-बढ़

इस साल दलहन फसलों का रकबा 137.17 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो पिछले साल 136.02 लाख हेक्टेयर के मुकाबले थोड़ा ज्‍यादा है. इसमें चना फसल की बुवाई 93.17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जबकि मसूर की 17.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है. पिछले साल 17.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मसूर की बुवाई हुई थी. 

मोटे अनाज के रकबे की बात करें तो इस साल 52.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में 52.17 लाख हेक्टेयर बुवाई है. वहीं, तिलहन के रकबे में इस बार कमी आई है. इस बार पिछले साल 101.64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले 96.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तिलहन की बुवाई हुई है.

इसमें सरसों की बुवाई 88.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दर्ज की गई, जबकि पिछले साल यह 93.73 लाख हेक्टेयर थी. सरसों का रकबा घटने के पीछे का मुख्‍य कारण नवंबर मध्य में मौसम है, जब तापमान में बढ़ोतरी बनी हुई थी, जिसके चलते किसानों ने गेहूं की बुवाई शुरू कर दी थी.

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