बिहार में अनाज, दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रबी अभियान शुरू करने की पूरी तैयारी है. राज्य सरकार रबी की फसलों की खेती के लिए 39.8 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया है. राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि हमने राज्य में 39.8 लाख हेक्टेयर में रबी की खेती का लक्ष्य तय किया है, जिसमें से 26.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं, 8 लाख हेक्टेयर में मक्का और 5.4 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती की जाएगी. वहीं, सरसों और अलसी सहित तिलहन की खेती 2.4 लाख हेक्टेयर में की जाएगी.
रबी अभियान पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का उद्देश्य किसानों की आय क्षमता को बढ़ाना और उनकी आय को दोगुना करना है. पांडेय ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में रबी फसलों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम लागू करने का फैसला किया है. किसानों को खेती में सुधार के लिए आवश्यक तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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कृषि मंत्री ने कहा कि सभी जिलों के अधिकारी ध्यान रखें कि 30 नवंबर तक रबी की बुआई हो जाए. इस साल राज्य में अच्छी क्वालिटी के गेहूं बीज उत्पादन का लक्ष्य है. इसके लिए कृषि विभाग चयनित जिलों के किसानों को मुफ्त बीज उपलब्ध कराएगी. वहीं, किसानों से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP 2425 रुपये की जगह 3150 रुपये प्रति क्विटल पर सरकार खरीद करेगी.
उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को सरकार की कृषि योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा और खेती के लिए अलग-अलग जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि बिहार में रबी फसलों की बुवाई के समय गेहूं, चना, मटर, मसूर, अलसी और सरसों की फसलों के लगभग 3.62 लाख क्विंटल बीज की आवश्यकता होगी, जिसमें चना बीज 34.84 हजार क्विंटल, मसूर 58.58 हजार क्विंटल, मटर 10 हजार क्विंटल, सरसों 3825 क्विंटल और तीसी के 952 क्विंटल बीज की 29 आवश्यकता होगी.
किसानों को बीज सहित अन्य उत्पादन पर सब्सिडी की व्यवस्था है. पांडेय ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दलहन के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास जारी है. वहीं, कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि रबी फसलों की अंतर्वर्ती खेती से अधिक लाभ होगा. मक्का के साथ मटर की भी खेती की जा सकती है.
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