किसानों के लिए प्याज का मतलब है कमाई. यानी जितना प्याज उतनी कमाई. पहले ऐसी धारणा नहीं थी. लेकिन जब से प्याज के दाम रॉकेट बने हैं, तब से किसानों ने प्याज को एटीएम मशीन समझ ली. जितनी प्याज की खेती, उतनी ही कमाई. ऐसे में किसान प्याज की ओर अब ज्यादा रुख कर रहे हैं. इस उम्मीद में कि बंपर पैदावार होगी तो कमाई भरपूर होगी. इसे देखते हुए बाजार में प्याज की नई किस्में आ रही हैं. इसी में एक वैरायटी है पूसा रिद्धि. आइए आज इसी वैरायटी के बारे में जानेंगे.
प्याज की इस किस्म को ICAR ने तैयार किया है. पूसा रिद्धि किस्म के बारे में नीचे दिए गए 5 पॉइंट्स में इसकी पूरी डिटेल्स समझ सकते हैं.
रबी प्याज की बंपर उपज होने के बाद उसे सही ढंग से स्टोर करना जरूरी होता है क्योंकि मंडियों में इसकी आवक अधिक दिनों तक रहती है. मंडियों में आवक बनी रहेगी तभी इसके दाम स्थिर रहेंगे और लोगों को सस्ते में प्याज उपलब्ध होगा. रबी प्याज का सही ढंग से स्टोरेज करें तो उसकी शेल्फलाइफ बढ़ेगी. इस तरह पूरे साल प्याज की डिमांड और सप्लाई का समीकरण बना रहेगा. लिहाजा, प्याज के भाव को नीचे रखने में मदद मिलेगी. स्टोरेज के लिहाज से पूसा रिद्धि किस्म अच्छी है.
भारत में अभी प्याज की उत्पादकता तकरीबन 18 टन प्रति हेक्टेयर है. हालांकि इसे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि कुछ सुधार के बाद इस पैदावार को बढ़ा सकते हैं. किसान अगर सही ढंग से खेती करें, प्याज सही ढंग से उगाएं, प्याज में कीटों का सही प्रबंधन करें और सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करें तो वे प्याज की उपज को बढ़ा सकते हैं. इस हिसाब से पूसा रिद्धि किस्म अच्छी है जिसने उपज बढ़ाने में मदद की है.
आईसीएआर-पूसा में तैयार प्याज की यह किस्म अधिक उपज देने वाली है. इसका रंग सुर्ख लाल है. इसका रंग लाल होने के कारण ग्राहकों को यह आकर्षित करता है. इससे भी प्याज की मांग बढ़ती है. जैसा कि नासिक के प्याज के साथ देखा जाता है. उसकी मांग अधिक होने के पीछे उसके लाल रंग को भी बड़ी वजह बताते हैं. पूसा रिद्धि के साथ भी यही बात है. यह किस्म एक्सपोर्ट और स्टोरेज दोनों के लिए बेस्ट है.
पूसा रिद्धि प्याज की किस्म का सफल प्रदर्शन किया जा चुका है. इस किस्म को बनाने के बाद 2023-24 में जयपुर के अच्छोजय गांव में खेत में लगाकर प्रदर्शन किया गया. यह प्रदर्शन बिल्कुल सफल रहा. इस वैरायटी का प्रदर्शन CATAT, ICAR-IARI और ICAR-KVK, चोमू के मिलीजुले प्रयास में किया गया. इससे किसानों को प्याज की खेती के बारे में नई जानकारी मिली.
प्याज की खेती के प्रदर्शन में कई नई बातें सामने आईं. इसकी उपज में 25-35 परसेंट अधिक उपज मिली जो कि 33.5 टन प्रति हेक्टेयर तक रही. अभी सामान्य उपज 18 टन प्रति हेक्टेयर तक है. इससे किसानों की कमाई बढ़ाने में भी मदद मिली. शुरुआती प्रदर्शन से पता चला कि इस किस्म से किसान की कमाई 25,000-30,000 रुपये प्रति बीघा तक बढ़ गई. इस तरह किसानों का मुनाफा 2.5 गुना तक बढ़ गया. इससे पूसा रिद्धि किस्म की खासियतों के बारे में पता चलता है.
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