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ओडिशा में महंगाई से हाहाकर, अब सरकार 100 रुपये में 3 किलो बेच रही है आलू

ओडिशा में महंगाई से हाहाकर, अब सरकार 100 रुपये में 3 किलो बेच रही है आलू

आलू की आसमान छूती कीमतों से जूझ रहे उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने के लिए ओडिशा सरकार ने शनिवार को 100 रुपये प्रति 3 किलो आलू की बिक्री शुरू की. इससे सरकारी स्टोर्स के बाहर आलू खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लग गई. एक उपभोक्ता सागरिका स्वैन ने कहा कि हम आलू संकट को हल करने के लिए सरकार के कदमों का स्वागत करते हैं.

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ओडिशा में आलू हुआ महंगा. (सांकेतिक फोटो) ओडिशा में आलू हुआ महंगा. (सांकेतिक फोटो)

ओडिशा में महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है. खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आग लगी हुई है. लेकिन सबसे ज्यादा आलू की बढ़ती कीमत ने आम जनता को परेशान कर दिया है. यहां के रिटेल मार्केट में आलू 50 रुपये किलो बिक रहा है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. ऐसे में महंगाई पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. वह सस्ती दरों पर खुद से आलू बेचने का फैसला किया है, ताकि आम जनता को कुछ हद तक राहत मिल सके.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आलू की आसमान छूती कीमतों से जूझ रहे उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने के लिए ओडिशा सरकार ने शनिवार को 100 रुपये प्रति 3 किलो आलू की बिक्री शुरू की. इससे सरकारी स्टोर्स के बाहर आलू खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लग गई. इसी बीच खबर है कि पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से आलू की आपूर्ति फिर से शुरू हो गई है. फंसे हुए आलू से लदे ट्रक शनिवार को राज्य के कई गोदामों में पहुंचे. हालांकि, खुदरा बाजारों में आलू की कीमत ऊंची बनी रही और यह 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है. 

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अधिकारियों ने किया मार्केट का दौरा

खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग के अधिकारियों ने भी भूनेश्वर में यूनिट-1 बाजार में अचानक जांच की ताकि पता लगाया जा सके कि कीमतें बढ़ाई जा रही हैं या नहीं और विक्रेताओं को 30-32 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचने के लिए कहा. विभाग ने आलू की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक डीलर को आलू के 10 पैकेट भी उपलब्ध कराए. विभाग के प्रवर्तन अधिकारी संजीव साहू ने कहा कि सरकार नेफेड से पर्याप्त मात्रा में आलू खरीद रही है और यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक बाजार की दरें स्थिर नहीं हो जातीं.

क्या कहते हैं व्यापारी

शनिवार को यहां ऐगिनिया के गोदामों में करीब 20-21 आलू के ट्रक पहुंचे. आलू के थोक विक्रेता शक्ति मिश्रा ने कहा कि खुदरा बाजारों में कीमतें अधिक हैं, क्योंकि पर्याप्त जांच नहीं है. आलू के ट्रक कई अंतर-राज्यीय सीमाओं पर फंसे हुए हैं और व्यापारियों को उन्हें ओडिशा लाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. एक उपभोक्ता सागरिका स्वैन ने कहा कि हम आलू संकट को हल करने के लिए सरकार के कदमों का स्वागत करते हैं. लेकिन सरकार को दीर्घकालिक समाधान खोजना चाहिए. 

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