प्याज की निर्यातबंदी खुलने के 2 महीने होने वाले हैं. सरकार के इस फैसले का बाजार पर जबरदस्त प्रभाव दिखाई दे रहा है. देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक महाराष्ट्र में प्याज का दाम 2000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है, जिसकी वजह से किसानों में खुशी की लहर है. किसान चाहते हैं कि अब सरकार निर्यात बंदी का दोबारा फैसला न ले और इस साल कम से कम इसी तरह की कीमत उनको मिलती रहे. प्याज का निर्यात खोलने के बाद स्थानीय बाजारों में आवक बहुत कम हो गई है, जिसकी वजह से दाम में तेजी बरकरार दिखाई दे रही है. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार 28 जून को राज्य की 47 मंडियों में प्याज की नीलामी हुई, जिसमें से 35 में दाम 3000 रुपये से ज्यादा रहा.
हालांकि बोर्ड के आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि राज्य की अधिकांश मंडियों में आवक बहुत कम हो गई है. 28 जून को राज्य की सिर्फ चार मंडियों में 10000 क्विंटल से अधिक प्याज की आवक हुई. कई मंडियां तो ऐसी हैं जिनमें सिर्फ 100, 200 क्विंटल या उससे भी कम प्याज बिकने को आया. पिंपलगांव बसवंत में 13,500, पुणे में 10,563, सोलापुर में 11,820 और राहुरी में 20,938 क्विंटल प्याज की आवक हुई.
केंद्र सरकार ने 4 मई को प्याज की निर्यातबन्दी से बैन हटा लिया था. इसके बाद दाम बढ़ने शुरू हुए हैं. निर्यातबंदी तो खत्म हो गई लेकिन सरकार ने इस पर दो शर्तें थोपी हुई हैं, जिन्हें हटाने की सरकार मांग कर रही है. निर्यात के लिए सरकार ने 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) और उस पर 40 प्रतिशत ड्यूटी की शर्त लगाई हुई है. किसानों का कहना है कि इन दोनों शर्तों को हटाने के बाद किसानों को मिलने वाला दाम और बढ़ जाएगा.
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