Onion Price: स‍िर्फ 100 रुपये क्व‍िंटल रह गया प्याज का दाम, निर्यातबंदी खत्म होने का क‍िसानों को नहीं म‍िला फायदा

Onion Price: स‍िर्फ 100 रुपये क्व‍िंटल रह गया प्याज का दाम, निर्यातबंदी खत्म होने का क‍िसानों को नहीं म‍िला फायदा

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि प्याज किसानों की समस्या के दो समाधान हैं. पहला शॉर्ट टर्म और दूसरा लांग टर्म. शॉर्ट टर्म में सरकार प्याज के एक्सपोर्ट पर लगाए गए 550 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य और उस पर लगे 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी को हटाए. 

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Onion Price: स‍िर्फ 100 रुपये क्व‍िंटल रह गया प्याज का दाम, निर्यातबंदी खत्म होने का क‍िसानों को नहीं म‍िला फायदाप्याज़ का मंडी भाव

प्याज की निर्यातबंदी हटने के 19 दिन बाद भी किसानों को केंद्र सरकार के इस फैसले का कोई फायदा नहीं मिला है. अभी भी किसान कहीं एक, कहीं दो और कहीं तीन-चार रुपये क‍िलो के न्यूनतम दाम पर प्याज बेचने के लिए मजबूर हैं. साथ ही वह अब केंद्र सरकार पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं कि आखिर प्याज का दाम सरकार कब तक कम करके रखना चाहती है. किसान और उनके संगठन पूछ रहे हैं कि क्या सरकार यह चाहती है कि वह प्याज की खेती पूरी तरह से छोड़ दें. सरकार अगस्त 2023 से ही कोई न कोई ऐसी पॉल‍िसी लाती है क‍ि दाम बढ़ने ही नहीं पा रहे हैं. इसकी वजह से महाराष्ट्र में प्याज की खेती के रकबे में ग‍िरावट आई है. इस बीच सोलापुर और धुले मंडी के भाव ने एक बार क‍िसानों को न‍िराश क‍िया है, क्योंक‍ि इन दोनों में आने वाले क‍िसानों को न्यूनतम दाम स‍िर्फ 1 रुपये क‍िलो म‍िला. 

महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केट‍िंग बोर्ड के अनुसार 22 मई को सोलापुर मंडी में 21504 क्व‍िंटल प्याज ब‍िकने को आया. बंपर आवक की वजह से यहां न्यूनतम दाम 100 और औसत दाम 1300 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. जबक‍ि अध‍िकतम दाम 2500 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक म‍िला. क‍िसानों का कहना है क‍ि ज्यादातर क‍िसानों को न्यूनतम और औसत दाम ही म‍िलता है. सोलापुर में तो आवक ज्यादा थी इसल‍िए दाम कम हो गया, लेक‍िन धुले मंडी में इसका उल्टा हुआ. स‍िर्फ 70 क्व‍िंटल आवक के बाद भी न्यूनतम दाम 100 और औसत दाम 1350 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल ही रहा. अध‍िकतम दाम 1500 रुपये रहा. इसी तरह अकलुज, बारामती, मंगलवेढा और छत्रपती संभाजीनगर में न्यूनतम दाम स‍िर्फ 300 रुपये क्व‍िंटल रहा.     

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क्या है समस्या का समाधान

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि प्याज किसानों की समस्या के दो समाधान हैं. पहला शॉर्ट टर्म और दूसरा लांग टर्म. शॉर्ट टर्म में सरकार प्याज के एक्सपोर्ट पर लगाए गए 550 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) और उस पर लगे 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी को हटाए. 

लांग टर्म समाधान यह है कि प्याज को एमएसपी के दायरे में लाकर उसका लागत के हिसाब से न्यूनतम दाम तय कर दे. आजादी के बाद से अब तक प्याज को लेकर कोई नीति नहीं बनी है, जबकि इसे लेकर सरकार हमेशा चिंता में रहती है. इसलिए इसे एमएसपी के दायरे में ले आए, ऐसा होगा तो किसानों को इतना दाम तो मिलता रहेगा कि उन्हें घाटा नहीं होगा.

क‍िस मंडी में क‍ितना है दाम    

  • अकलुज  मंडी में 22 मई को 380 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई थी. इसके बाद भी यहां प्याज का न्यूनतम दाम 300, अध‍िकतम दाम 1800 और औसत दाम 1000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक पहुंच गया. 
  • सोलापुर में  क्व‍िंटल 21504 प्याज की आवक दर्ज की गई. इस मंडी में न्यूनतम दाम 100, अध‍िकतम 2500 और औसत दाम 1300 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. 
  •  धुले के कोपरगांव में 70 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. यहां पर न्यूनतम दाम 100, अध‍िकतम 1500 और औसत 1350 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. 
  • मंगलवेधा ज़िले मंडी में 171 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. यहां पर न्यूनतम दाम 300, अध‍िकतम 2000 और औसत दाम 1200 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.

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