महंगाई है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक चीज सस्ती होती है, तब तक दूसरे खाद्य पदार्थ महंगे हो जाते हैं. टमाटर की कीमत में गिरावट आने के बाद जब तक आम जनता राहत की सांस लेती, उससे पहले ही प्याज की कीमत में बढ़ोतरी हो गई. करीब पिछले 20 दिनों से यह बहुत महंगा बिक रहा है. खास कर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज की औसत कीमत 58 रुपये प्रति किलो पर बनी हुई है. जबकि अखिल भारतीय प्याज का अधिकतम रेट 80 रुपये प्रति किलो है. हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि मार्केट में सप्लाई प्रभावित होने के चलते इसके रेट में बढ़ोतरी हुई है.
उपभोक्ता मामलों के विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत 49.98 रुपये प्रति किलो थी, जबकि मॉडल कीमत 50 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई. प्याज की अधिकतम कीमत 80 रुपये प्रति किलो और न्यूनतम कीमत 27 रुपये प्रति किलो है. हालांकि, केंद्र सरकार बीते 5 सितंबर से दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में 35 रुपये किलो की दर से प्याज बेच रही है. उसे उम्मीद है कि उसकी इस कोशिश से महंगाई नियंत्रित होगी.
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ऐसे कहा जा रहा है कि एनसीसीएफ और नेफेड के पास सरकारी भंडारण में 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है. सरकार एनसीसीएफ और नेफेड के सहयोग से अपने स्टोर और मोबाइल वैन के माध्यम से प्याज की खुदरा बिक्री कर रही है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा था कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है, क्योंकि खरीफ (ग्रीष्म) में बोया गया रकबा पिछले महीने तक तेजी से बढ़कर 2.9 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह रकबा 1.94 लाख हेक्टेयर था. इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि किसानों और व्यापारियों के पास अभी भी लगभग 38 लाख टन प्याज का भंडारण है.
विभाग देश भर में फैले 550 बाजार केंद्रों से एकत्र आंकड़ों के आधार पर 22 आवश्यक वस्तुओं (चावल, गेहूं, आटा, चना दाल, तुअर (अरहर) दाल, उड़द दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, चीनी, गुड़, मूंगफली तेल, सरसों तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल, सोया तेल, पाम तेल, चाय, दूध, आलू, प्याज, टमाटर और नमक) की कीमतों की निगरानी कर रहा है. 1 अगस्त से सरकार ने 16 और आवश्यक खाद्य वस्तुओं की दैनिक थोक और खुदरा कीमतों का संग्रह और निगरानी शुरू कर दी है.
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