एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने के बाद क‍ितना महंगा होगा प्याज, क्यों परेशान हैं न‍िर्यातक?

एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने के बाद क‍ितना महंगा होगा प्याज, क्यों परेशान हैं न‍िर्यातक?

प्याज एक्सपोर्टर मनोज जैन ने बताया क‍ि एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने से पहले प‍िछले हप्ते तक दुबई में जो अच्छी क्वाल‍िटी का प्याज न‍िर्यात क‍िया जा रहा था उसका दाम 26 से 28 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल था. सरकार के नए फैसले के बाद अब 11 रुपये क‍िलो दाम बढ़ जाएगा. 

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एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने के बाद क‍ितना महंगा होगा प्याज, क्यों परेशान हैं न‍िर्यातक? प्याज के दाम को लेकर क्यों परेशान हैं एक्सपोर्टर (Photo-Kisan Tak).

प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने के बाद स‍िर्फ क‍िसानों को ही नुकसान नहीं पहुंचा है बल्क‍ि इससे एक्सपोर्टरों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले से हुए सौदे प्रभाव‍ित होने का अंदेशा है. क्योंक‍ि पहले दाम कुछ और था और अब एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने के बाद दाम कुछ और हो जाएगा. हमारा बना बनाया बाजार ब‍िगड़ने का अनुमान है. प्याज उत्पादक दूसरे देशों का सस्ता प्याज उस बाजार को अपने कब्जे में लेने की कोश‍िश करेगा. इस बीच लोग यह भी जानना चाहते हैं क‍ि आख‍िर एक्सपोर्ट होने वाले प्याज का पहले क‍ितना दाम था और ड्यूटी लगने के बाद क‍ितना रेट हो गया? नास‍िक के बड़े ट्रेडर्स में से एक मनोज जैन ने क‍िसान तक के पाठकों को इस बात की जानकारी दी. 

जैन ने बताया क‍ि एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने से पहले प‍िछले हप्ते तक दुबई में जो अच्छी क्वाल‍िटी का प्याज न‍िर्यात क‍िया जा रहा था उसका दाम 26 से 28 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल था. सरकार के नए फैसले के बाद अब 11 रुपये क‍िलो दाम बढ़ जाएगा. अब यह 37 से 39 रुपये क‍िलो हो जाएगा. ज‍िससे भारत के प्याज का दाम प्रत‍िस्पर्धी नहीं रह जाएगा. इसी तरह पहले मलेश‍िया के ल‍िए जो प्याज जाता था उसका भाव 23.5 से 25 रुपये तक था. जबक‍ि कोलंबो जाने वाले प्याज का भाव 26.5 रुपये था. अब इसका दाम 35 से 36 रुपये क‍िलो हो जाएगा. हालांक‍ि, नास‍िक का प्याज अपने खास स्वाद और तीखेपन के ल‍िए ब‍िकता है. इसे जीआई टैग भी म‍िला हुआ है. ऐसे में इसके मुरीद लोग तो इसे मंगाएंगे ही.  

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शुल्क की गणना से परेशान हैं व्यापारी 

अब भारतीय प्याज निर्यात को और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि देश के विभिन्न बंदरगाहों पर सीमा शुल्क अधिकारी 19 अगस्त से शिपमेंट पर लगाए गए 40 प्रतिशत ड्यूटी की गणना के लिए अलग-अलग आधार दरों का उपयोग कर रहे हैं. इन आधार दरों का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि निर्यात शुल्क के प्रभाव को कम करने के लिए निर्यातक अपनी खेपों का दाम कम न करें.  

व्यापार‍ियों के ल‍िए असमंजस की स्थिति

मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) में सीमा शुल्क अधिकारी 325 डॉलर प्रति टन की आधार दर पर निर्यात की गणना कर रहे हैं, जबकि तूतीकोरिन में यह 250 डॉलर प्रति टन है. चेन्नई सीमा शुल्क अधिकारियों ने आधार दर 400 डॉलर लगाया है. इन अलग-अलग दरों से व्यापारियों के लिए असमंजस की स्थिति है. क्योंकि उन्हें खरीदारों से किए गए वादे के अनुरूप कीमतों पर निर्यात करना होता है और वे घाटा बर्दाश्त नहीं कर सकते. 

क्या दाम कम द‍िखा रहे न‍िर्यातक

एग्रीकल्चरल कमोडिटीज एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (एसीईए) के अध्यक्ष एम मदन प्रकाश ने कहा क‍ि हमने वाणिज्य मंत्रालय से उस मूल्य का आकलन करने को कहा है जिस पर निर्यात शुल्क लगाया जाएगा. हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस (एचपीईए) के अध्यक्ष अजीत शाह ने कहा, ''हमें एक सप्ताह के भीतर यह पता चल जाएगा.'' हालांक‍ि, कुछ निर्यातक निर्यात शुल्क के प्रभाव को कम करने के लिए अपने बिल में प्याज का निर्यात मूल्य 150 डॉलर या 250 डॉलर प्रत‍ि टन द‍िखा रहे हैं. 

कहां से आ रही भारतीय प्याज की मांग

शाह ने कहा क‍ि हमें फिलीपींस से मांग मिल रही है. दुबई के बाजार से बाहर भारतीय प्याज की मांग देखी जा रही है क्योंकि मिस्र, तुर्की जैसे वैश्विक बाजार में प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं के पास स्टॉक खत्म हो गया है. तुर्की का प्याज एक पखवाड़े में उपलब्ध होगा. पाकिस्तानी प्याज का सीमित स्टॉक 370 डॉलर पर उपलब्ध है. ईरान 300 डॉलर में प्याज की पेशकश कर रहा है, हालांकि स्टॉक कम है. मलेशिया जैसे देश नहीं खरीद रहे हैं. खाड़ी स्थित एक व्यापार सूत्र ने कहा कि कीमतें बढ़ने के बाद जुलाई के अंत में भारतीय प्याज दुबई और अन्य बाजारों से बाहर हो गया था. 

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