Onion Price: न‍िर्यात बंदी से बदहाल हुए महाराष्ट्र के क‍िसान, 1 रुपये क‍िलो बेच रहे हैं प्याज 

Onion Price: न‍िर्यात बंदी से बदहाल हुए महाराष्ट्र के क‍िसान, 1 रुपये क‍िलो बेच रहे हैं प्याज 

राज्य के क‍िसानों पर निर्यात बंदी भारी पड़ रही है. सरकार ने 7 दिसंबर 2023 की देर रात को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी इसके बाद घरेलू बाजार में आवक इतनी बढ़ गई है कि कुछ मंडियों में दो-दो दिन पर नीलामी हो रही है. संगमनेर में स‍िर्फ 2 रुपये और मनमाड़ में क‍िसानों को मात्र 3 रुपये क‍िलो के न्यूनतम दाम पर संतोष करना पड़ रहा है. 

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Onion Price: न‍िर्यात बंदी से बदहाल हुए महाराष्ट्र के क‍िसान, 1 रुपये क‍िलो बेच रहे हैं प्याज प्याज़ का मंडी भाव

प्याज की न‍िर्यात बंदी हुए दो महीने से ज्यादा का समय हो चुका है. सरकार के इस फैसले क‍िसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है. क्योंक‍ि राज्य की मंड‍ियों में इसकी वजह से आवक बढ़ गई है और आवक बढ़ने से दाम कम हो गया है. मंड‍ियों में रोजाना हजारों क्विंटल प्याज ब‍िकने के ल‍िए आ रहा है. इसके चलते किसानों भारी आर्थ‍िक नुकसान उठाना पड़ रहा है. राज्य की कई प्रमुख मंड‍ियों में प्याज दाम इतना गिर गया है कि किसान लागत भी नहीं न‍िकाल पा रहे हैं. कई मंड‍ियों में क‍िसान एक, दो और तीन, चार रुपये प्रत‍ि किलो पर प्याज बेचने पर मजबूर हैं. इस समय सोलापुर 33327 और राहुरी मंडी में 6795 प्याज़ की आवक हुई. इतनी आवक है क‍ि इन दोनों में न्यूनतम दाम स‍िर्फ 1 रुपये क‍िलो रह गया है. किसानों का कहना है कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा प्याज़ की खेती होती है, यहां के किसान इसकी खेती पर ही निर्भर हैं इसके बावजूद सही दाम नहीं म‍िल रहा है.  

राज्य के क‍िसानों पर निर्यात बंदी भारी पड़ रही है. सरकार ने 7 दिसंबर 2023 की देर रात को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी इसके बाद घरेलू बाजार में आवक इतनी बढ़ गई है कि कुछ मंडियों में दो-दो दिन पर नीलामी हो रही है. सोलापुर इनमें से एक है. संगमनेर में स‍िर्फ 2 रुपये और मनमाड़ में क‍िसानों को मात्र 3 रुपये क‍िलो के न्यूनतम दाम पर संतोष करना पड़ रहा है. अध‍िकांश मंड‍ियों में दाम का यही हाल है. क‍िसानों का कहना है क‍ि जब तक न‍िर्यात बंदी का फैसला वापस नहीं होगा तब तक क‍िसानों का नुकसान होता रहेगा. 

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इन मंड‍ियों में सबसे कम है दाम 

महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि राहुरी मंडी में 16 फरवरी को 6795 क्विंटल प्याज की आवक हुई. आवक ज्यादा बढ़ने के कारण यहां पर न्यूनतम दाम 100,  अधिकतम 1500 और औसत दाम 800 रुपये प्रति क्विंटल रहा. इसी तरह सोलापुर मंडी में 16 फरवरी को रिकॉर्ड 33327 क्विंटल प्याज बिकने के लिए आया. यहां न्यूनतम दाम 100, अधिकतम 2000 और औसत दाम 1000 रुपये प्रति क्विंटल रहा. 

सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है महाराष्ट्र 

न‍िर्यात बंदी से सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र के क‍िसानों को हो रहा है. क्योंक‍ि भारत का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है. इसके बाद मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा भी प्रमुख उत्पादक हैं. साल 2021-22 में प्याज उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 43 फीसदी थी. उसके बाद 15 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र के नास‍िक ज‍िले में लासलगांव एश‍िया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है.  

किस मंडी में कितना है दाम 

  • अकलुज मंडी में 16 फरवरी को 480 क्व‍िंटल की आवक हुई. यहां प्याज़ का न्यूनतम दाम 300,अध‍िकतम दाम 2000 ,और मॉडल दाम 900रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.
  • कोल्हापुर मंडी में 3755  क्व‍िंटल प्याज़ की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 200, अध‍िकतम 1400 और मॉडल प्राइस 800 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.
  • राहता मंडी में प्याज़ का न्यूनतम दाम 200, अध‍िकतम 1400 जबक‍ि मॉडल प्राइस 4450 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.  
  • सटाणा मंडी में 4315 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 200, अध‍िकतम 1255 और औसत दाम 1060 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.

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