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एक्सपोर्ट बैन से प्याज उत्पादक क‍िसानों को क‍ितना नुकसान, इस र‍िपोर्ट को पढ़कर हो जाएंगे हैरान

एक्सपोर्ट बैन से प्याज उत्पादक क‍िसानों को क‍ितना नुकसान, इस र‍िपोर्ट को पढ़कर हो जाएंगे हैरान

Onion Price: दो महीने में ही आधा रह गया प्याज का दाम. क‍िसानों को पांच साल पहले जनवरी 2020 में जो दाम म‍िला था वो भी अब नहीं म‍िल रहा है. इसके ल‍िए वो एक्सपोर्ट बैन को ज‍िम्मेदार ठहरा रहे हैं. क्या एक्सपोर्ट बैन से हुए नुकसान की भरपाई करेगी सरकार या फ‍िर क‍िसानों को उनके हाल पर छोड़ देगी. 

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प्याज एक्सपोर्ट बैन से क‍िसानों को क‍ितना नुकसान. प्याज एक्सपोर्ट बैन से क‍िसानों को क‍ितना नुकसान.

प्याज एक्सपोर्ट बैन होने के बाद क‍िसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत द‍िघोले का कहना है क‍ि ज्यादातर क‍िसान एक सीजन में 200 क्व‍िंटल से अध‍िक प्याज पैदा करते हैं. अगर इतना भी औसत मानें तो हर किसान को तीन से चार लाख रुपये का नुकसान हो चुका है. सरकारी र‍िपोर्ट भी बता रही है क‍ि दो महीने में ही प्याज का दाम आधा हो गया है. पांच साल पहले जब खेती करना आज के मुकाबले सस्ता था तब जनवरी 2020 में प्याज का दाम 3242.67 क्व‍िंटल था. जबक‍ि तब देश भर की मंड‍ियों में 1021754.44 टन प्याज की आवक हुई थी. यह भाव क‍िसानों को म‍िल रहा था. लेक‍िन अब एक्सपोर्ट बैन के बाद जनवरी 2024 में प्याज का दाम ग‍िरकर 1710.17 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल ही रह गया है. जबक‍ि खेती 2020 के मुकाबले महंगी हो गई है. 

एक्सपोर्ट बैन से ठीक पहले नवंबर 2023 में देश भर की मंड‍ियों में 9,78,523.57 टन प्याज की आवक हुई थी. जबक‍ि दाम 3433.98 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल था. जो क‍ि 7 द‍िसंबर को एक्सपोर्ट बैन होते ही ग‍िरकर आधा हो गया. कृष‍ि मंत्रालय की एक र‍िपोर्ट के अनुसार जनवरी 2024 में 10 तारीख तक देश में 4,10,560 टन प्याज की आवक हुई है. अब इस घाटे की भरपाई कौन करेगा. केंद्र या राज्य सरकार. फ‍िलहाल, क‍िसानों के घाटे की भरपाई के ल‍िए अब तक सरकार सामने नहीं आई है. 

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क‍िस राज्य को सबसे ज्यादा नुकसान 

सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र के क‍िसानों को हो रहा है. क्योंक‍ि यह देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक सूबा है. देश के कुल प्याज उत्पादन में इसकी ह‍िस्सेदारी करीब 43 प्रत‍िशत है. इस बात की तस्दीक प्याज आवक ही र‍िपोर्ट भी कर रही है. जनवरी 2020 में देश भर की मंड‍ियों में 1021754.44 टन प्याज की आवक हुई थी, ज‍िसमें 5,65,575 टन ह‍िस्सा अकेले महाराष्ट्र का है. साल 2024 की 10 जनवरी तक देश भर में 4,10,560 टन प्याज की आवक हुई है, ज‍िसमें से 2,21,471 टन ह‍िस्सा अकेले महाराष्ट्र का है. इसील‍िए एक्सपोर्ट बैन के ख‍िलाफ केंद्र सरकार का सबसे ज्यादा व‍िरोध महाराष्ट्र में ही हो रहा है.

प्याज सब्स‍िडी का पैसा म‍िला क्या?

जनवरी 2023 में प्याज के दाम काफी घट गए थे. कई मंड‍ियों में राज्य सरकार 1,2 रुपये क‍िलो पर प्याज बेचने को मजबूर थे. व‍िपक्ष प्याज लेकर महाराष्ट्र व‍िधानसभा पहुंच गया. ऐसे में दबाव में आई राज्य सरकार ने क‍िसानों के ल‍िए प्याज सब्स‍िडी की घोषणा की थी. फरवरी और मार्च दो महीने में हुए नुकसान की सब्सिडी देने का सरकार ने फैसला क‍िया. इसके तहत प्रत‍ि क्व‍िंटल 350 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी देने की घोषणा की थी. एक क‍िसान के ल‍िए अध‍िकतम सीमा 200 क्विंटल रखी गई थी. लेक‍िन इसकी पूरी सब्स‍िडी सभी क‍िसानों को अभी तक नहीं म‍िली. सवाल ये है क‍ि क्या सरकार एक्सपोर्ट बैन से हुए नुकसान की भरपाई के ल‍िए इस तरह का कोई फैसला फ‍िर लेगी या फ‍िर क‍िसानों को अपने हाल पर छोड़ देगी. 

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