सरसों और मूंगफली से किसानों ने किया किनारा, इस फसल के लिए बढ़ी है दिलचस्पी 

सरसों और मूंगफली से किसानों ने किया किनारा, इस फसल के लिए बढ़ी है दिलचस्पी 

तिलहन और दलहन फसलों का रकबा कम दर्ज किया गया है, लेकिन गेहूं का रकबा अधिक है. तिलहन और दलहन फसलों से दूरी सरकार के लिए एक नीतिगत चुनौती बनने वाली है, क्योंकि टारगेट देश को खाद्य तेलों और दालों में आत्मनिर्भर बनाना है. लेकिन, रबी सीजन की बुवाई के आंकड़े आत्मनिर्भरता की ओर ले जाते नहीं दिख रहे हैं. 

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सरसों और मूंगफली से किसानों ने किया किनारा, इस फसल के लिए बढ़ी है दिलचस्पी  सरसों और मूंगफली के साथ ही कुछ दालों का बुवाई क्षेत्रफल गिरा है.

रबी सीजन में किसानों ने तिलहन और दलहन फसलों से किनारा किया है. तिलहन फसलों का दाम एमएसपी से नीचे जाने के चलते किसानों ने यह दूरी बढ़ाई है. जबकि, दालों के आयात से बाजार में भरपूर उपलब्धता ने किसानों को दलहन फसलों से दूर रहने के लिए प्रेरित किया है. सरसों और मूंगफली के साथ ही कुछ दालों का बुवाई क्षेत्रफल गिरा है. बढ़िया कीमतों को देखते हुए किसान गेहूं की तरफ रुख कर रहे हैं. 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 दिसंबर तक तिलहन और दलहन फसलों का रकबा कम दर्ज किया गया है, लेकिन गेहूं का रकबा अधिक है. तिलहन और दलहन फसलों से दूरी सरकार के लिए एक नीतिगत चुनौती बनने वाली है, क्योंकि टारगेट देश को खाद्य तेलों और दालों में आत्मनिर्भर बनाना है. लेकिन, रबी सीजन की बुवाई के आंकड़े आत्मनिर्भरता की ओर ले जाते नहीं दिख रहे हैं. 

किसानों ने सरसों और मूंगफली जैसे रबी सीजन की तिलहन फसलों से किनारा कर लिया है, क्योंकि वे स्थिर कीमतों को प्राथमिकता दे रहे हैं. तिलहन की कीमतें 2022 और 2023 में अधिक थीं, लेकिन 2024 में दाम काफी नीचे चले गए. मौजूदा समय में तिलहन फसल सोयाबीन की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे चल रही हैं, जिससे किसानों को नुकसान होने की आशंका सता रही है. 

एमएसपी से नीचे चल रहीं दाल की कीमतें 

दलहन फसलों में दालों का रकबा कम है क्योंकि दालों के अधिक आयात से घरेलू कीमतों पर नीचे रहने का दबाव पड़ने लगा है. वर्तमान में अरहर की कीमत 7,931 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि MSP 7,550 रुपये है. चना की कीमतें वर्तमान में 6,552 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि एमएसपी 5,650 रुपये है. इसी तरह उड़द की कीमतें 7,350 पर चल रही हैं और इसका एमएसपी 7,440 रुपये है. मूंग दाल की कीमतें 6,976 रुपये प्रति क्विंटल हैं और इसके लिए एमएसपी 8,682 रुपये तय है. इस तरह से दालों का दाम तय एमएसपी से भी नीचे चल रहा है. 

गेहूं की खेती की ओर इसलिए बढ़ रहे किसान 

तिलहन और दलहन फसलों की कम कीमतों से नुकसान उठाने की बजाय किसान गेहूं की खेती की ओर बढ़ रहे हैं. क्योंकि, गेहूं के लिए केंद्र सरकार एमएसपी में 150 रुपये की बढ़ोत्तरी करते हुए इसे 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. जबकि, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य गेहूं के लिए के MSP के अलावा किसानों को बोनस भी दे रहे हैं. इसके अलावा आटा मिलर्स को दी जाने वाली मिलिंग दर को भी बढ़ाया गया है.

इससे बाजार में गेहूं की भरपूर खरीद मांग बनी रहने की संभावनाएं प्रबल हैं. इसका अंदाजा किसानों को भी है और इसीलिए वह गेहूं की खेती कर रहे हैं. 20 दिसंबर तक गेहूं का रकबा बीते साल की तुलना में 9 लाक हेक्टेयर बढ़कर 293.11 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है.

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