यह रवि का मौसम है और किसान अपनी फसलों की बुआई में व्यस्त हैं. खासकर अब किसान तेजी से गेहूं की बुआई कर रहे हैं. ऐसे में बाजार में गेहूं के बीज थोड़े महंगे बिक रहे हैं. अगर आपको इसका बीज सब्सिडी दर पर चाहिए तो आप अपने नजदीकी प्रखंड कृषि कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं. यह न सिर्फ सस्ता है बल्कि अच्छी क्वालिटी का भी है. गेहूं की इस किस्म का नाम करण वंदना है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है इस किस्म की खासियत.
करण वंदना (DBW 187) पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के उत्तर पूर्वी मैदानी इलाकों में बोई जाने वाली नवीनतम सिंचित गेहूं की किस्म है. इन क्षेत्रों में गेहूं की मौजूदा किस्मों जैसे एचडी 2967, के 0307, एचडी 2733, के 1006 और डीबीडब्ल्यू 39 की तुलना में करण वंदना (डीबीडब्ल्यू 187) किस्म की पैदावार काफी अधिक है.
पिछले वर्ष भी कई क्षेत्रों में करण वंदना की बुआई की गई थी. इस किस्म को वर्ष 2019 में जारी और अधिसूचित किया गया था. करण वंदना (DBW 187) पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के उत्तर पूर्वी मैदानी इलाकों में सिंचित मौसम में बोई जाने वाली नवीनतम गेहूं किस्म है. इसमें पत्ती झुलसा और अस्वास्थ्यकर स्थिति जैसी महत्वपूर्ण बीमारियों के प्रति बेहतर प्रतिरोधक क्षमता है. करण वंदना में बुआई के 77 दिन बाद फूल आते हैं और 120 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है.
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इसका उत्पादन लगभग 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और औसत उत्पादन लगभग 63.1 क्विंटल है. आमतौर पर गेहूं में प्रोटीन की मात्रा 10 से 12 प्रतिशत और लौह की मात्रा 30 से 40 प्रतिशत होती है, लेकिन इस किस्म में 12 प्रतिशत से अधिक प्रोटीन और 42 प्रतिशत से अधिक लौह की मात्रा पाई गई है.
आमतौर पर धान में 'ब्लास्ट' नामक बीमारी देखी जाती है, कुछ साल पहले यह बीमारी बांग्लादेश में गेहूं की फसल में पाई गई थी और तब से इस चुनौती को देखते हुए गेहूं की इस किस्म को विशेष रूप से पूर्वोत्तर की परिस्थितियों के अनुरूप विकसित किया गया. इसे विकसित करने के लिए शोध कार्य प्रारम्भ हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 'करण वन्दना' को विकसित किया गया. यह मौजूदा किस्मों HD-2967, K-0307, HD-2733, K-1006 और DBW-39 की तुलना में अधिक पैदावार देता है, जो ज्यादातर बोई जा रही हैं.
गेहूं के इस किस्म पर 50 फीसदी सब्सिडी मिल रही है. बाजार में इसकी कीमत 42 रुपये प्रति किलो है. अगर आप इसे ब्लॉक से सब्सिडी के आधार पर खरीदते हैं तो इसकी कीमत 22 रुपये प्रति किलोग्राम है. एक बैग की कीमत 880 रुपये है. करीब 50 फीसदी सब्सिडी मिल रही है. साथ ही बताया कि इस गेहूं की पहली पलटन बुआई के 22 दिन बाद करनी चाहिए. यह गेहूं 120 दिन में तैयार हो जाता है.
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