Tomato Varieties: टमाटर की इस किस्म की करें खेती, एक हेक्टेयर में 1400 क्विंटल तक होगी पैदावार, जानें अन्य विशेषताएं

Tomato Varieties: टमाटर की इस किस्म की करें खेती, एक हेक्टेयर में 1400 क्विंटल तक होगी पैदावार, जानें अन्य विशेषताएं

High Yield Tomato Varieties in India: टमाटर की नामधारी 4266 किस्म की खेती कर किसान भारी मुनाफा कमा सकते हैं. नामधारी-4266 की खेती कर किसान प्रति हेक्टेयर 1200-1400 क्विंटल प्राप्त कर सकते हैं.

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Tomato Varieties: टमाटर की इस किस्म की करें खेती, एक हेक्टेयर में 1400 क्विंटल तक होगी पैदावार, जानें अन्य विशेषताएंटमाटर की उन्नत किस्म नामधारी- 4266 की विशेषताएं, सांकेतिक तस्वीर

High Yield Tomato Varieties in India: भारत में टमाटर की खेती बड़े स्तर पर होती है. कई किसान इसकी खेती से हर साल भारी मुनाफा कमाते हैं. वहीं मौजूदा वक्त में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं. खुदरा बाज़ारों में टमाटर 200-250 रुपये किलो बिक रहा है. ऐसे में अगर आप एक किसान हैं और टमाटर की खेती करने की सोच रहे हैं, तो टमाटर की उन्नत किस्म नामधारी-4266 की खेती कर सकते हैं. टमाटर की इस उन्नत किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि टमाटर की अन्य किस्मों के अपेक्षा इसकी उत्पादकता ज्यादा है. नामधारी-4266 की खेती कर किसान प्रति हेक्टेयर 1200-1400 क्विंटल प्राप्त कर सकते हैं. टमाटर की इस उन्नत किस्म की और भी कई ऐसी विशेषताएं हैं जो इसको खास बनाती हैं. ऐसे में आइए टमाटर की उन्नत किस्म नामधारी-4266 के बारे में विस्तार से जानते हैं-

टमाटर की उन्नत किस्म नामधारी- 4266

टमाटर की इस किस्म को उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. जो कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली किस्म है. जहां टमाटर की अन्य किस्मों से प्रति हेक्टेयर 800 से 1200 क्विंटल टमाटर की पैदावार होती है. वहीं टमाटर की उन्नत किस्म नामधारी-4266 किस्म से प्रति हेक्टेयर 1200 से 1400 क्विंटल तक की पैदावार मिलती है. सितंबर व अक्टूबर माह में इसकी खेती होती है और दिसंबर से फरवरी के बीच फसल तैयार हो जाती है.  मालूम हो कि टमाटर के नर्सरी को तैयार होने में लगभग एक महीना लगता है. इस नामधारी-4266 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें बीमारी और कीट नहीं लगते. फसल भी 45 से 50 दिनों में तैयार हो जाती है. साधारण टमाटर की किस्में सिर्फ 50 से 80 ग्राम वजनी होती हैं. वहीं नामधारी 4266 किस्म के टमाटरों का वजन 100 से 150 ग्राम होता है. इस किस्म के एक ही पौधे पर 50 से 60 और हर गुच्छे पर 4 से 5 टमाटर के फल मिल जाते हैं.

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अगर उत्तर भारत की बात करें तो टमाटर की खेती यहां साल में दो बार की जाती है. पहली खेती जुलाई-अगस्त से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक चलती है. वहीं, दूसरी खेती नवंबर-दिसंबर से लेकर जून-जुलाई तक चलती है.

टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी?

टमाटर की खेती कई तरह की मिट्टी में सफलतापूर्वक की जा सकती है. इसके लिए रेतीली दोमट से लेकर चिकनी मिट्टी, लाल और काली मिट्टी तक पर खेती की जा सकती है. बस एक चीज का ध्यान रखें, जो भी मिट्टी आपके खेत में हो, उसमें पानी की उचित निकासी होनी चाहिए. 

टमाटर की खेती के लिए उचित तापमान 

टमाटर की खेती में तापमान का बहुत अधिक महत्त्व होता है, क्योंकि टमाटर के बीज को अंकुरित होने के लिए सामान्यता 20-25 डिग्री का तापमान पौधे के विकास के लिए अच्छा माना जाता है. जब टमाटर के पौधे का विकास होता है, तो उसके पौधे में फूल खिलते है इन फूलों को पराग कण (Pollen Grain) और निषेचन (Fertilization) क्रिया के लिए अधिकतम 30 डिग्री तथा न्यूनतम 18 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है.

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भारत में टमाटर के प्रमुख उत्पादक राज्य

बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल टमाटर के मुख्य उत्पादक वाले राज्य हैं. पंजाब में, अमृतसर, रोपड़, जालंधर, होशियारपुर टमाटर उगाने वाले जिले हैं.

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