एमपी का शरबती गेहूं यूं ही नहीं है लोगों की पहली पसंद, जानें इसकी खासियत

एमपी का शरबती गेहूं यूं ही नहीं है लोगों की पहली पसंद, जानें इसकी खासियत

शरबती गेहूं की पैदावार अन्य गेहूं की किस्मों की तुलना में कुछ कम होती है. इसके दानों में पोषक तत्वों की मात्र अधिक होती है जिसकी वजह से इसके दानों का वजन भी अधिक होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसकी खेती के लिए रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है. फिर भी 1 हेक्टेयर के खेत में आप औसतन 45-50 क्विंटल तक की उपज आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.

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एमपी का शरबती गेहूं यूं ही नहीं है लोगों की पहली पसंद, जानें इसकी खासियतगेहूं की फसल

मध्य प्रदेश में उगाया जाने वाला शरबती गेहूं (MP Sharbati Wheat) की काफी मांग है. इसकी खेती सबसे अधिक मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में की जाती है. यह गेहूं अन्य प्रजाति की तुलना में अधिक स्वादिष्ट और स्वास्थ के लिए लाभदायक होता है. शरबती गेहूं की कीमत भी अन्य गेहूं से अधिक होती है. मंडी में इसका न्यूनतम मूल्य 2800 से 3500 तक होता है. दिल्ली जैसे बड़े शहरों में इसके आटे की कीमत 50 रुपये प्रति किलो तक है. महंगा होने के बावजूद जिन लोगों ने इसके आटे का स्वाद चखा है, वे शरबती को ही अपनी पहली पसंद मानते हैं. 

शरबती गेहूं की पहचान

अब सवाल है कि कोई दुकानदार कहीं शरबती (MP Sharbati Wheat) के नाम पर दूसरा गेहूं तो आपको नहीं दे रहा? इसलिए सही पहचान जरूरी है. तो, शरबती गेहूं को आसानी से पहचाना जा सकता है. इसके सभी दाने समान आकार के गोल और चमकदार होते हैं. अन्य गेहूं की तुलना में शरबती गेहूं के आटे से बनी रोटियां अधिक स्वादिष्ट और मुलायम होती हैं. इसमें सुक्रोज और ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है. इसका दाना ठोस और वजनदार होता है. आप हथेली पर रखकर इसके दानों के वजन का आभास कर सकते हैं. इससे आपको पता चल जाएगा जो गेहूं खरीद रहे हैं, वह शरबती है या उसके नाम पर कुछ और. 

खेती करने की विधि

शरबती गेहूं (MP Sharbati Wheat) की खेती भी अन्य गेहूं की तरह होती है. खेती करने के लिए सबसे पहले खेत से पुरानी फसलों के अवशेष को अच्छी तरह से साफ कर दें. उसके बाद खेत की अच्छी गहरी 4-5 बार जुताई कर लें. उसके बाद खेत पर पाटा चलाकर समतल कर लें, बुआई करने के लिए खेत में पलेवा लगाना जरूरी है. हालांकि शरबती गेहूं को ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन बुआई के दौरान खेत में नमी बनी रहनी चाहिए. 

पलेवा के बाद मिट्टी को भुरभुरी बना लें. उसके बाद खेत की बिजाई करें. किसानों को यह ध्यान रखना होगा कि इस गेहूं में रयायनों का बुरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए जैविक उर्वरकों का ही प्रयोग करें. शरबती गेहूं की खेती अधिकतर असिंचित भूमि में की जाती है. फसल तैयार होने तक 2-3 बार की सिंचाई भी पर्याप्त होती है. शरबती गेहूं के पौधों की ऊंचाई 5 फुट तक भी बढ़ सकती है. 

शरबती गेहूं की पैदावार

शरबती गेहूं (MP Sharbati Wheat) की पैदावार अन्य गेहूं की किस्मों की तुलना में कुछ कम होती है. इसके दानों में पोषक तत्वों की मात्र अधिक होती है जिसकी वजह से इसके दानों का वजन भी अधिक होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसकी खेती के लिए रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है. फिर भी 1 हेक्टेयर के खेत में आप औसतन 45-50 क्विंटल तक की उपज आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.

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