राजस्थान की विधानसभा की कार्यवाही में एक गलती से इतिहास बन गया. दरअसल, सुबह 11 बजे सीएम अशोक गहलोत ने बजट भाषण शुरू किया. लेकिन पहला पन्ना पढ़ने के बाद गहलोत पिछले साल का बजट पढ़ने लग गए. काफी देर तक सीएम पुराना बजट पढ़ते गए जिसमें शहरी रोजगार गारंटी योजना, कोरोना आदि की चर्चा भी कर दी गई. हालांकि सदन में कांग्रेस के किसी नेता ने मुख्यमंत्री को नहीं टोका. लेकिन काफी देर बजट पढ़ने के बाद जल संसाधन मंत्री महेश जोशी ने गहलोत के पास आकर बताया कि वे पिछले साल का बजट पढ़ रहे हैं.
इसके बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. स्पीकर के काफी समझाने के बाद भी जब हंगामा कम नहीं हुआ तो स्पीकर सीपी जोशी ने 11.42 बजे तक सदन स्थगित कर दिया. इसके बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष को बोलने का मौका स्पीकर ने दिया. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इसे राजस्थान विधानसभा के इतिहास में धब्बा बता दिया. उन्होंने कहा कि बजट भी लीक हो गया है. बाहर के व्यक्ति ने आकर सीएम को बताया कि वे गलत बजट पढ़ रहे हैं. ऐसे में किसी बाहरी व्यक्ति को बजट के बारे में कैसे पता चला? बजट की कॉपी सिर्फ सीएम के पास रहती है.
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वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि बजट को फिर से पेश किया जाए. इसके लिए राज्यपाल से फिर से वक्त और तारीख ली जाए. इसके बाद कांग्रेस नेता और शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने सफाई दी कि राज्यपाल बजट का दिन तय करते हैं, समय नहीं. स्पीकर सीपी जोशी ने 11 बजे से 11.42 बजे तक सदन में हुए काम को कार्यवाही से हटाने की बात कही. इस पर विपक्ष ने वापस हंगामा शुरू किया.
सदन में इस तरह का वाकया होने के बाद सदन में सीएम अशोक गहलोत ने सफाई दी. कहा कि बजट की कॉपी इसी साल की थी. लेकिन गलती से एक पेज पिछले बजट का लग गया. ये मानवीय भूल है. इसके बाद स्पीकर ने फिर से बजट पढ़ने के आदेश दिए. लेकिन विपक्ष हंगामा करता रहा.
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