Soybean Price:  महाराष्ट्र की इस मंडी में सिर्फ 3000 रुपये क्विंटल रह गया सोयाबीन का दाम, जानिए प्रमुख मंडियों के भाव

Soybean Price:  महाराष्ट्र की इस मंडी में सिर्फ 3000 रुपये क्विंटल रह गया सोयाबीन का दाम, जानिए प्रमुख मंडियों के भाव

विशेषज्ञों का कहना है कि सोयाबीन का उत्पादन इस साल स्थिर है. उत्पादन 125.62 लाख मीट्रिक टन हुआ है. जो लगभग पिछले साल के बराबर है. महाराष्ट्र में मौसम की मार पड़ी है इसलिए राज्य में इसका उत्पादन बढ़ा नहीं है,  फिर भी दाम इतना कम हो गया है. इसके पीछे एक ही वजह हो सकती है कि कारोबारियों को दूसरे देशों से सोया ऑयल मंगाना महंगा पड़ रहा है. 

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Soybean Price:  महाराष्ट्र की इस मंडी में सिर्फ 3000 रुपये क्विंटल रह गया सोयाबीन का दाम, जानिए प्रमुख मंडियों के भाव जानिए सोयाबीन का मंडी भाव

प्रमुख तिलहन फसल सोयाबीन के दाम में भारी गिरावट दर्ज की गई है. प्याज उत्पादक किसान कम दाम की मांग से अभी उबरे भी नहीं थे कि अब सोयाबीन के दाम पर बाजार की मार पड़ गई. महाराष्ट्र सोयाबीन का दूसरा प्रमुख उत्पादक है और यहां किसान कम दाम मिलने से बहुत परेशान हैं. केंद्र सरकार ने सोयाबीन की एमएसपी 4600 रुपये फिक्स की है, लेकिन महाराष्ट्र की अधिकांश मंडियों में किसानों को इतना दाम नहीं मिल रहा है. किसानों का कहना है कि पहले उन्होंने मौसम की मार झेली और अब दाम की मार से वो परेशान हैं. सब तकलीफों को सह कर के किसान कोई फसल तैयार करता है और जब उसे पैसे मिलने की बारी आती है तो रेट गिर जाता है.

महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि लासलगांव विंचुर में 29 फरवरी को सोयाबीन का न्यूनतम दाम सिर्फ 3000 रुपये प्रति क्विंटल रहा. यह प्रदेश में सबसे कम है. औसत दाम 4401 और अधिकतम दाम 4350 रुपये क्विंटल रहा, जबकि आवक सिर्फ 310 रुपये प्रति क्विंटल रही. अधिकांश मंडियों में 4000 से 4500 रुपये का भाव चल रहा है. जिससे किसानों में भारी निराशा है, क्योंकि सोयाबीन यहां की प्रमुख फसल है और उसी का दाम सही नहीं मिलेगा तो आय कैसे बढ़ेगी.

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उत्पादन स्थिर फिर भी क्यों गिरा दाम

विशेषज्ञों का कहना है कि सोयाबीन का उत्पादन इस साल स्थिर है. उत्पादन 125.62 लाख मीट्रिक टन हुआ है. जो लगभग पिछले साल के बराबर है. महाराष्ट्र में मौसम की मार पड़ी है इसलिए राज्य में इसका उत्पादन बढ़ा नहीं है,  फिर भी दाम इतना कम हो गया है. इसके पीछे एक ही वजह हो सकती है कि कारोबारियों को दूसरे देशों से सोया ऑयल मंगाना महंगा पड़ रहा है. इस वजह से घरेलू बाजार में सोयाबीन के दाम इतने गिर गए हैं कि किसानों को एमएमपी के मुकाबले 1000 से 1500 रुपये कम दाम पर अपनी उपज बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है.

किस मंडी में कितना है भाव

  • लासलगांव मंडी में 29 फरवरी को 137 क्विंटल सोयाबीन बिकने आया. इसमें न्यूनतम दाम 3801, अधिकतम 4500 औसत दाम 4440 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • माजलगांव मंडी में 29 फरवरी को 381 क्विंटल सोयाबीन बिकने आया. इसमें न्यूनतम दाम 4100, अधिकतम दाम 4456 और औसत दाम 4421 रुपये प्रति क्विंटल रहा. 
  • मोरशी मंडी में 590 क्विंटल की आवक हुई. यहां 29 फरवरी को न्यूनतम दाम 4000, अधिकतम 4350 और औसत दाम 4175 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • राहता मंडी में 29 फरवरी को सिर्फ 54 क्विंटल सोयाबीन बिकने को आया इसके बावजूद दाम काफी कम रहा. न्यूनतम दाम 4025, अधिकतम 4387 और औसत दाम 4200 रुपये प्रति क्विंटल रहा.

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