हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर किसानों के हित में काम कर रही है. चाहे किसानों के गन्ने का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाने की बात हो या धान और गेहूं की एमएसपी पर खरीद — हर कदम किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास संत कबीर कुटीर में किसानों से संवाद कर रहे थे. दीपावली के अवसर पर कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और आसपास के क्षेत्रों से आए किसानों ने गन्ने का एमएसपी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का आभार जताया.
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि राज्य सरकार ने अगेती किस्म के गन्ने का रेट 400 रुपये से बढ़ाकर 415 रुपये प्रति क्विंटल और पछेती किस्म का रेट 393 रुपये से बढ़ाकर 408 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय किसानों की मेहनत और समर्पण को सम्मान देने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा.
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का यह कदम न केवल किसानों के हित में है बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला भी है. सैनी ने कहा, “हरियाणा देश का पहला राज्य है जो सभी 24 फसलों की खरीद एमएसपी पर करता है और 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान सुनिश्चित करता है.”
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल के माध्यम से पिछले 11 सीजन में 12 लाख किसानों के खातों में 1.58 लाख करोड़ रुपये की राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के तहत भेजी गई है.
इसके अलावा, हरियाणा पहला राज्य है जिसने भावांतर भरपाई योजना को लागू किया है, जिसके तहत 29,864 किसानों को 135.37 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि सीधे उनके बैंक खातों में दी गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मुआवजा राशि बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति एकड़ कर दी गई है. अब तक 33 लाख किसानों को 9,626 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम वितरित किए जा चुके हैं. पिछले 11 वर्षों में राज्य सरकार ने आपदा से प्रभावित किसानों को 15,627 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है.
राज्य सरकार ने बताया कि खरीफ खरीद सीजन 2025–26 के दौरान अब तक किसानों के खातों में 9,029.39 करोड़ रुपये की अदायगी सीधे ट्रांसफर की जा चुकी है.
प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रवक्ता के अनुसार, सभी मंडियों में धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है. अब तक राज्यभर की मंडियों में 49.94 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है और 48.44 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद पूरी की जा चुकी है.
राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल को अच्छी तरह सुखाकर और भारत सरकार द्वारा निर्धारित 17 परसेंट नमी सीमा के अनुसार मंडियों में लाएं, ताकि उन्हें उचित मूल्य प्राप्त हो सके.
मंडियों में बिजली, पानी, शौचालय और सफाई जैसी सुविधाओं को बेहतर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा मंडी श्रम कार्यों (भराई, तुलाई, सिलाई, लदाई आदि) के शुल्क भी सरकार द्वारा वहन किए जा रहे हैं.
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