महाराष्ट्र की चीनी मिलों का बुरा हाल! किसान कर्नाटक में बेच रहा अपना गन्ना

महाराष्ट्र की चीनी मिलों का बुरा हाल! किसान कर्नाटक में बेच रहा अपना गन्ना

कर्नाटक सरकार द्वारा मिलों को निर्धारित समय से पहले पेराई शुरू करने की अनुमति दिए जाने के कारण, महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों से गन्ना लगातार कर्नाटक की मिलों में आ रहा है, जिससे महाराष्ट्र के मिल मालिक काफी परेशान हैं.

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महाराष्ट्र की चीनी मिलों का बुरा हाल! किसान कर्नाटक में बेच रहा अपना गन्नामहाराष्ट्र की चीनी मिलों का बुरा हाल

खरीफ सीजन में बोई गई गन्ने की कटाई शुरू हो चुकी है. इस बीच पश्चिमी महाराष्ट्र की चीनी मिलें मुश्किल में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में समय से पहले ही पेराई सत्र शुरू हो गया है. दरअसल, कर्नाटक सरकार द्वारा मिलों को निर्धारित समय से पहले पेराई शुरू करने की अनुमति दिए जाने के कारण, महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों से गन्ना लगातार कर्नाटक की मिलों में आ रहा है, जिससे महाराष्ट्र के मिल मालिक काफी परेशान हैं.

चीनी मंत्री ने दी पेराई की अनुमती

पड़ोसी राज्य में गन्ने की पेराई शुरू होते ही कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, धाराशिव और लातूर जिले के किसान अपनी फसल कर्नाटक के बेलगावी, विजयपुरा और बीदर क्षेत्रों में मिलों को भेज रहे हैं. वहीं, कर्नाटक के वर्तमान चीनी मंत्री शिवानंद एस. पाटिल ने जल्दी पेराई की अनुमति देते हुए चेतावनी दी है कि कटाई में देरी से चीनी की रिकवरी कम हो सकती है, जिससे किसानों की आय कम हो सकती है.

महाराष्ट्र में 1 नवंबर से होगी पेराई

इसके विपरीत महाराष्ट्र ने पेराई सत्र की आधिकारिक शुरुआत की तारीख 1 नवंबर निर्धारित की है. वहीं, चीनी निदेशालय ने चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने वाली मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि सितंबर में भारी बारिश के कारण गन्ना उत्पादन वाले कई जिले प्रभावित हुए है, जिससे तैयारी और पेराई कार्य में देरी हुई है.

किसान नहीं करना चाह रहे इंतजार

कोल्हापुर के किसान विश्वास पाटिल ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के कई किसानों ने मराठवाड़ा से आए कुछ गन्ना काटने वालों की मदद से कटाई शुरू कर दी है. पाटिल ने कहा कि चूंकि कर्नाटक में गन्ना मिलें हमारी फसल ले रही हैं, इसलिए यहां के किसान इंतजार नहीं करना चाहते और अपनी उपज खोने का जोखिम नहीं उठाना चाहते है. वहीं, महाराष्ट्र के मिल मालिक तैयारी का हवाला देते हुए और कर्नाटक का गन्ना महाराष्ट्र ना आ जाए इसे देखते हुए राज्य सरकार से पेराई की अनुमति देने का आग्रह कर रहे हैं.

उचित और लाभकारी मूल्य देने की मांग

इस बीच स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी ने किसानों को धैर्य रखने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि मैंने किसानों से कहा है कि वे अपना गन्ना मिलों में जल्दी न पहुंचाएं. बाद में गन्ने की कमी उनके लिए फायदेमंद हो सकती है और उन्हें बेहतर दाम मिल सकते हैं. उन्होंने यह भी मांग की कि मिलें इस सीजन में किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य से 200 रुपये प्रति टन अधिक भुगतान करें, ताकि बढ़ती कीमतों की भरपाई की जा सके.

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