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बाराबंकी में आया आम का सीजन, याकूती, हुस्नआरा जैसे आमों से सजा बाजार, बागवानों को मिल रहे अच्छे दाम

बाराबंकी में आया आम का सीजन, याकूती, हुस्नआरा जैसे आमों से सजा बाजार, बागवानों को मिल रहे अच्छे दाम

आम की अच्छी फसल से बागवान एक सीजन में 15 से 20 लाख रुपये आसानी से कमा लेते हैं. यकुति आम का पेड़ भी पांच साल बाद फल देना शुरू कर देता है और कई सालों तक लगातार अच्छे फल देता है. एक पेड़ लगाने की लागत 10 हजार के करीब आती है और फिर बागवानों को हर साल नकदी फसल के रूप में लाखों रुपये का मुनाफा आसानी से मिल जाता है.

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बाज़ारों में सजा यकुति आम बाज़ारों में सजा यकुति आम

यूपी के बाराबंकी का यकुति आम इन दिनों बाजार में खूब बिक रहा है. रंग-बिरंगे इन आमों ने भारतीय बाजार में धूम मचा रखी है. ये आम बाजार में 200 से 300 रुपये किलो बिक रहे हैं. जिससे बागवानी करने वाले किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. इतना ही नहीं यकुति आम के साथ-साथ गुलाब खास और हुस्नआरा आम की प्रजातियां भी बाजारों में अपना जलवा बिखेर रही हैं. इन आमों को देखकर इन दिनों बाराबंकी में सड़क किनारे लगी आम की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ रही है.

कैसा होता यकुति आम?

बाराबंकी के बड़े गांव में करीब दो हजार बीघा जमीन पर आम के बाग हैं. यहां हर किस्म के आम उगाए जाते हैं. लेकिन यहां का सबसे खास आम है यकुति आम. जो रंग-बिरंगा, स्वाद में मीठा से भी मीठा और इसका रस फल से भी पतला होता है. और बाजार में अपनी खूबसूरती बिखेरते हुए बागबानी करने वाले किसानों को अच्छे दाम भी दिला रहा है. महमूद किदवई कहते हैं कि यकुति आम हमारे यहां की पहचान है. वैसे तो आम की कई किस्में हैं. लेकिन इन दिनों बाजारों में याकूती, हुस्न आरा, सुर्खा, बंबई और गुलाब खास छाए हुए हैं.

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किसानों को होता है लाखों का मुनाफा

आम की अच्छी फसल से बागवान एक सीजन में 15 से 20 लाख रुपये आसानी से कमा लेते हैं. यकुति आम का पेड़ भी पांच साल बाद फल देना शुरू कर देता है और कई सालों तक लगातार अच्छे फल देता है. एक पेड़ लगाने की लागत 10 हजार के करीब आती है और फिर बागवानों को हर साल नकदी फसल के रूप में लाखों रुपये का मुनाफा आसानी से मिल जाता है. जिससे अच्छा मुनाफा होता है, जिले में 12.5 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम के बगीचे लगे हुए हैं और करीब 2 हजार बागवान किसान इस काम में लगे हुए हैं.

जिला उद्यान अधिकारी बोले होता है लाभ

बाराबंकी के जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में करीब साढ़े 12 हजार हेक्टेयर जमीन पर आम के बाग लगे हैं. बड़े किसानों में किदवई परिवार, सैदनपुर में बेगम हबीबुल्लाह का बाग, देवा-बांकी में मिश्रा जी का बड़ा बाग, रामनगर में राजा साहब का बड़ा बाग शामिल हैं. जिले में आम के बाग लगाने में इनका काफी योगदान रहा है. आम के बाग में 5 साल की मेहनत में 50 साल तक मुनाफा कमाया जा सकता है. याकूती एक अच्छा आम है और बाजार में इसका अच्छा दाम भी मिलता है. इस बार आम की फसल थोड़ी कम है, लेकिन मुनाफा ज्यादा होने की उम्मीद है. याकूती के अलावा यहां दशहरी, लंगड़ा, चौंसा, आम्रपाली सफेदा की अच्छी पैदावार होती है. यहां आम्रपाली आम जुलाई और अगस्त तक टिकता है.