Farmers Story: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों (Farmers) को बीज से लेकर बाजार तक उत्कृष्ट सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विश्व बैंक के सहयोग से व्यापक डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम तथा कॉमन सर्विस डिलीवरी प्लेटफार्म स्थापित करने के लिए भावी रणनीति पर आयोजित की गई कार्यशाला के दौरान कही. इस कार्यशाला में विश्व बैंक के प्रतिनिधियों, दक्षिण कोरिया, इजरायल, नीदरलैंड तथा भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए डिजिटल एग्रीकल्चर के विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया.
लखनऊ में आयोजित इस कार्यशाला के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पादन तथा उत्पादों का मूल्यवर्द्ध्र्र्र्रन करके किसानों के जीवन को और अधिक खुशहाल बनाया जा सके इस दृष्टि से यह कार्यशाला एक महत्वकांक्षी पहल है. इसके लिए विश्व बैंक द्वारा लगभग 4 हजार करोड़ रुपए के व्यय की सहमति भी प्रदान की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर डिजिटल प्लेटफॉर्म कृषि एवं उसके अनुषांगिक विभागों तथा किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म होगा. विभाग इससे किसानों के लिए उपयोगी रणनीति बनाने तथा उन्हें विभिन्न योजनाओं का सीधे लाभ पहुंचाने के लिए उपयोग करेंगे. वहीं किसानों द्वारा इसका उपयोग बीज, कृषि यंत्र, खाद, बाजार की अद्यतन स्थिति तथा मौसम संबंधी जानकारी के लिए किया जाएगा.
शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रखे गये एक ट्रिलियन यूएस डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसके लिए कृषि क्षेत्र को तकनीक संपन्न, पर्यावरण अनुकूल तथा अधिक लाभदायी व्यवसाय बनाए जाने के प्रयास निरंतर किये जा रहे हैं. प्रदेश भर में डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है. इसके अंतर्गत खरीफ सीजन के लिए लगभग 1 करोड़ 16 लाख भूखंडों का सर्वे पूरा किया जा चुका है. रबी सीजन के लिए इसे और भी प्रभावित तरीके से किए जाने की रणनीति तैयार की जा चुकी है.
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कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि किसानों के लिए बहुत सारे एप आज बाजार में प्रचलित हैं, लेकिन एक एकीकृत मंच की जरूरत है जिस पर किसान भरोसा कर सकें, और यह आसानी से पहुंच योग्य भी हो. उन्होंने आशा व्यक्ति की कि यूपीएग्री परियोजना के माध्यम से हम इस संबंध में प्रगति करने में सक्षम होंगे। अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि डिजिटल कृषि के 3 प्रमुख पहलू हैं-किसान और फसल रजिस्ट्रियां (सर्वेक्षण), समय पर फसलों का मूल्यांकन और हस्तक्षेपों की समीक्षा और निगरानी. इस संबंध में यूपीएग्री परियोजना इस दिशा में बहुत बड़ा योगदान दे सकती है.
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कार्यशाला के दौरान डिजिटल मैच्योरिटी स्टडी के मुख्य बिन्दुओं का प्रस्तुतीकरण, यूपी-एग्री परियोजनान्तर्गत प्रस्तावित डिजिटल एग्रीकल्चर इन्वेंशन्स, डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अन्य देशों में हुए नवीन कार्यों पर चर्चा की गई. प्रतिभागियों द्वारा दिये गये सुझावों का संकलन कर डिजिटल एग्रीकल्चर हेतु भविष्य की रणनीति बनाने पर भी चर्चा की गई. इस अवसर पर अनुराग यादव सचिव उत्तर प्रदेश शासन, वर्ल्ड बैंक यूपी एग्रीस प्रोजेक्ट के टास्क टीम लीडर विनायक घटाटे, कृषि विशेषज्ञ एंड्रयू गुडलैंड, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट विशेषज्ञ रंजन सामंतरे, डिजिटल एक्सपर्ट विकास कानूनगो, फिशरीज विशेषज्ञ मार्टिन कुमार, ग्रामीण उद्यम विशेषज्ञ अर्शिया गुप्ता, अर्थशास्त्र विशेषज्ञ शांतनु कुमार, एनवायरमेंट विशेषज्ञ अनुपम कुमार सहित अनेक विशेषज्ञ उपस्थित रहे.
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