जीरा के भाव में गिरावट देखी जा रही है. एनसीडेक्स पर जीरा का भाव प्रति क्विंटल 39,500 रुपये तक पहुंच गया है. दाम में गिरावट के पीछे दो वजहें बताई जा रही हैं. पहली वजह, प्रॉफिट बुकिंग और दूसरी वजह जीरा की मांग में कमी. बाजार में बड़े स्तर पर जीरा की मांग की गिरावट आई है जिससे दाम में अचानक कमी देखी जा रही है. कुछ दिनों पहले जीरा का भाव इतनी तेजी से बढ़ा कि यह सुर्खियों में आ गया. राजस्थान जीरा का बड़ा उत्पादक राज्य है जहां बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से जीरे की उपज बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई थी. इससे जीरा की आवक भी घट गई जिससे सप्लाई में गिरावट आई. यही वजह है कि जीरा के भाव में बड़ी तेजी देखी गई. अब स्थिति सुधर रही है और भाव में कमी देखी जा रही है.
दो हफ्ते पहले जीरा का भाव 42,000 रुपये प्रति क्विंटल पर चल रहा था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जीरा उगाने वाले राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि ने पैदावार को तहस-नहस कर दिया. एक तरफ मौसमी मार से जीरा की उपज कम हुई, तो दूसरी ओर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी मांग बेहद तेजी से बढ़ती देखी गई. लिहाजा, रातोंरात जीरा के भाव में आसमानी तेजी देखी गई. खासकर चीन में छुट्टियां पड़ने से पहले भारत के जीरे की मांग बेहद तेज रही. इन सभी घटनाक्रमों ने मिलकर जीरा के भाव को मजबूती दी. हालांकि अब इसमें गिरावट दर्ज की जा रही है.
भारत के जीरा का बहुत बड़ा खरीदार चीन है जहां अभी छुट्टियों का सीजन चल रहा है. ऐसे में चीन से जीरा की मांग बहुत कम है और कुछ दिनों तक कम ही बने रहने की संभावना है. इससे वायदा रेट में भी काफी फर्क पड़ा है. चीन से मांग घटने से जीरा का भाव तेजी से नीचे आया है. मार्केट में जिस जीरे की कीमत पहले 42,000 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई थी, अब वह रेट 39,000 से लेकर 39,500 रुपये क्विंटल तक गिर गया है. इस तरह 15 से 20 दिनों के अंदर जीरा के भाव में ढाई से तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट है.
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जीरा के भाव अभी तो कुछ गिरावट में चल रहे हैं, लेकिन आगे ऐसी स्थिति नहीं रहेगी. एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले दिनों में दाम के रुख में थोड़ी सख्ती देखी जा सकती है. इसकी वजह ये है कि हाल के बारिश का असर आने वाले कुछ दिनों में मुखर होगा. अभी मार्केट में आने वाली सप्लाई या तो पुरानी है या फिर पहले की निकली हुई पैदावार है. आगे चलकर यह पैदावार घटेगी और इस साल की उपज पर मार्केट को निर्भर होना पड़ेगा. चूंकि इस साल की उपज में कई राज्यों में गिरावट देखी जा रही है, इसलिए आने वाले दिनों में जीरा के दाम में दबाव की स्थिति देखी जा सकती है.
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चीन को छोड़ दें तो बाकी कई देशों से भारत के जीरे की मांग बढ़ने वाली है. मांग बढ़ने और उसके मुताबिक सप्लाई नहीं होने की सूरत में जीरा के भाव में तेजी दिखेगी. अभी व्यापारी भी भविष्य में जीरा के भाव को लेकर असमंजस में हैं, इसलिए वे बढ़चढ़ कर खरीदारी नहीं कर रहे हैं. इसका असर भी आने वाले दिनों में अधिक भाव के रूप में देखा जा सकता है.
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