Vegetable Farming in October: अक्टूबर में इन सब्जियों की खेती करें किसान भाई, एक से दो महीने में होगी बंपर कमाई

Vegetable Farming in October: अक्टूबर में इन सब्जियों की खेती करें किसान भाई, एक से दो महीने में होगी बंपर कमाई

Farming Tips: अक्टूबर माह में यदि आप सब्जी की खेती करने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आपको कुछ ऐसी सब्जियों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी बुवाई करके आप बंपर कमाई कर सकते  हैं. अक्टूबर में आप गोभी, ब्रोकली, चुकंदर, मूली, गाजर, प्याज, पालक और मटर की खेती कर सकते हैं. 

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अक्टूबर में इन सब्जियों की खेती करें किसान भाई, एक से दो महीने में होगी बंपर कमाईVegetable Farming in October

Vegetable Farming: अक्टूबर का महीना आने वाला है. यह महीना सब्जियों की खेती के लिए काफी अच्छा माना जाता है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर में सब्जी की बुवाई करने पर कुछ हरी सब्जियां एक से दो महीने में तैयार हो जाती हैं. ऐसे में बाजार में अच्छा रेट मिल सकता है. किसान भाई अक्टूबर में गोभी, ब्रोकली, चुकंदर, मूली, गाजर, प्याज, पालक और मटर की खेती कर सकते हैं. 

1. पालक की खेती
अक्टूबर का महीने में आप पालक की खेती कर सकते हैं. पालक कम समय में बिक्री के लिए तैयार हो जाता है. इसकी खेती में लागत भी बहुत कम आती है. पालक की खेती के लिए सर्दी का मौसम अच्छा माना जाता है. ठंड के मौसम में पालक के पत्तों की अच्छी उपज मिलती है. आप पालक की पूसा पालक, ऑलग्रीन, पूसा हरित और पूसा ज्योति किस्मों की बुवाई कर सकते हैं.

2. चुकंदर के लिए आदर्श अक्टूबर  
चुकंदर की खेती के लिए अक्टूबर का महीना आदर्श माना जाता है क्योंकि इस माह में न बहुत अधिक ठंड पड़ती है और न ही बहुत गर्मी. अक्टूबर का तापमान चुकंदर के बीजों के अंकुरण और पौधों की वृद्धि के लिए काफी अनुकूल होता है. अक्टूबर में चुकंदर की खेती करने से उत्पादन काफी अच्छा होता है. आप अक्टूबर में चकुंदर की खेती करके एक हेक्टेयर में 30 से 40 क्विंटल तक चुकंदर का उत्पादन कर सकते हैं. अक्टूबर में बुवाई किए गए चुकंदर की गुणवत्ता अच्छी होती है. इससे इसकी बाजार में काफी मांग रहती है. इसे आप अच्छे दाम पर बेच सकते हैं.

3. प्याज की खेती 
अक्टूबर का महीना प्याज की खेती के लिए अच्छा माना जाता है. प्याज की खेती के लिए लाल दोमट और काली मिट्टी अच्छी मानी जाती है. प्याज की खेती अधिक अम्लीय और क्षारीय मिट्टी में नहीं करना चाहिए. प्याज की बुवाई करने से पहले मिट्टी की जांच करा लेनी चाहिए. 6.5 से 7.5 पीएच मान वाली मिट्टी अच्छी होती है. 

4. ब्रोकली की खेती
ब्रोकली की खेती के लिए अक्टूबर का महीना अच्छा माना जाता है. आप अक्टूबर-नवंबर में ब्रोकली की नर्सरी तैयार कर इसकी खेत में रोपाई कर सकते हैं. इसकी नर्सरी करीब 4-5 हफ्तों में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है. ब्रोकली की कुछ किस्म रोपाई के लगभग 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाती हैं. किसान भाई ब्रोकली कि खेती से प्रति हेक्टेयर 19 से 24 टन तक उत्पादन ले सकते हैं. ब्रोकली में ढेर सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. ठंड के मौसम में ब्रोकली की मांग काफी रहती है. ऐसे में आप तगड़ी कमाई कर सकते हैं.

5. मूली की खेती 
मूली की खेती के लिए अक्टूबर माह बेहतरीन माना जाता है. अक्टूबर में बोई गई मूली अच्छी पैदावार देती है. मौसम की नमी और ठंडक मूली की जड़ों के विकास के लिए अनुकूल होती है. अगेती किस्म की मूली 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाती हैं. मूली की खेती करके किसान भाई औसतन एक हेक्टेयर में 150 से 300 क्विंटल तक उत्पादन कर सकते हैं. 

6. गाजर की खेती 
गाजर की खेती के लिए अक्टूबर का महीना काफी अच्छा माना जाता है. इस महीने न तो बहुत अधिक गर्मी पड़ती है और न ही अधि सर्दी. ऐसे मौसम में गाजर की जड़ें अच्छे से विकसित हो पाती हैं. अक्टूबर में उगाई गई गाजर स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होती है. गाजर की अधिकांश किस्में बुवाई के 70 से 90 दिनों में तैयार हो जाती हैं. गाजर की औसत पैदावार 20 से 30 टन प्रति हेक्टेयर होती है. हालांकि बेहतर देखभाल कर किसान भाई 40 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. ठंड के मौसम में गाजर की मांग काफी रहती है. ऐसे इसको बेचकर किसान भाई तगड़ी कमाई कर सकते हैं. 

7. फूलगोभी की खेती
फूलगोभी की खेती वैसे तो किसान भी किसी भी महीने कर सकते हैं लेकिन अक्टूबर में इसकी खेती की बात ही कुछ और है. अक्टूबर में फूलगोभी की फसल लगाकर किसान भाई तगड़ी कमाई कर सकते हैं. फूलगोभी की कुछ किस्म ऐसी हैं जो 40 से 45 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती हैं और बहुत कम समय में तैयार हो जाती हैं.

8. मटर की खेती
किसान भाई मटर बुवाई अक्टूबर में कर सकते हैं. बस इसकी खेती करते समय ध्यान रखें कि खेत में नमी हो और बारिश की संभावना बहुत न हो. मटर की बुवाई करने के बाद यदि बारिश होती है तो मिट्टी सख्त हो जाती है और पौध निकलने में दिक्कत होती है. यदि खेत में पानी जमा हो गया तो बीज सड़ भी सकते हैं.

 

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