देश में आज से 20-30 साल पहले तक फूलों की खेती बहुत ही सीमित क्षेत्र में किसी खास उद्देश्य से ही की जाती थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इनकी खेती व्यावसायिक मकसद के लिए की जाने लगी है. वर्तमान समय में फूलों की मांग बाजार में वर्षभर बनी रहती है. इनका उपयोग सभी तरह के तीज-त्यौहारों, घरों की सजावट, देवी एवं देवताओं को अर्पित करने, शादी-विवाह में मण्डप तथा स्टेज की सजावट के लिए किया जा रहा है. साथ ही आजकल तो काफी प्रजातियों के फूल भी एक देश से दूसरे देशों में निर्यात किये जाने लगे हैं. इन सभी वजहों से फूलों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है.
इन सभी कारणों से फूलों की खेती अन्य फसलों की तुलना में किसानों के लिए ज्यादा फायदेमन्द साबित हो रही है.
लेकिन किसानों को इसकी खेती में अच्छा लाभ तब ज्यादा मिलेगा जब नर्सरी बढ़िया हो और उत्पादन ज्यादा मिले. गेंदे का पौधा सहिष्णु प्रकृति का होता है. इसकी खेती लगभग सभी प्रकार की मृदाओं में आसानी से कर सकते हैं. अच्छे उत्पादन के लिए उचित जल निकास वाली, बलुई-दोमट मृदा जिसका पी-एच मान 6.5 से 7.5 के मध्य हो, साथ ही उसमें जीवांश पदार्थों की प्रचुर मात्रा हो, उत्तम मानी गई है.
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गेंदे के बीज चमकदार और जैट काले रंगे के होते हैं, जिन्हें एकेन कहते हैं. पौध तैयार करने के लिए हमेशा स्वस्थ व पके बीजों का ही चयन करना चाहिए. साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बीज बहुत ज्यादा पुराने न हों, क्योंकि साल भर बाद बीजों के अंकुरण प्रतिशत में कमी आने लगती है. गेंदे के एक ग्राम बीज में औसतन 300-350 की संख्या में बीज होते हैं. गर्मी और वर्षा के मौसम में पौध तैयार करने के लिए 250-300 ग्राम बीज प्रति एकड़ तथा सर्दी के मौसम में 150-200 ग्राम प्रति एकड़ बीजों की जरूरत पड़ती है.
बीजों के बेहतर अंकुरण के लिए, अधिकतम तापमान 18 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच उपयुक्त रहता है. बुआई से पूर्व बीजों को किसी फफूंदनाशक दवा जैसे थायरम, कैप्टॉन, बाविस्टिन इत्यादि से उपचारित अवश्य कर लेना चाहिए. उपचारित बीजों की बुआई जमीन की सतह से लगभग 15-25 सें.मी. उठी हुई ऊंची क्यारियों में ही करें. उठी हुई क्यारियां बनाने से अतिरिक्त जल आसानी से बाहर निकल जाता है, जिससे बीमारियों का प्रकोप कम होता है.
क्यारियों की चौड़ाई 100-120 सें.मी. तथा लम्बाई खेत की स्थिति के अनुसार रखी जा सकती है. क्यारियां तैयार करते समय अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद 5 से 8 कि.ग्रा. प्रति वर्ग मीटर की दर से डालकर अच्छी तरह मिला देनी चाहिए. बीजों की बुआई लाइनों में ही करें एवं दो लाइनों के बीच 6-10 सें.मी. की जगह छोड़ें. साथ ही यह ध्यान भी रखें कि बीजों को ज्यादा गहराई पर न डालें. गेंदे की पौध मुख्य खेत में लगाने के लिए लगभग 22-25 दिनों में तैयार हो जाती है.
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